दिल्ली, 12 अक्टूबर 2024 — भीम आर्मी चीफ और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाली वक्फ बोर्ड की मस्जिदों में कार्यरत इमामों और मुअज्जिनों के वेतन को लेकर आम आदमी पार्टी की माननीया मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना को पत्र लिखा है। चंद्रशेखर आज़ाद ने पत्र में यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि मस्जिदों में काम करने वाले इमामों और मुअज्जिनों को समय पर वेतन मिले और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो।
चंद्रशेखर आज़ाद, जो दलित, आदिवासी, पिछड़े और मुस्लिम समुदायों की आवाज़ के रूप में जाने जाते हैं, ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है। उनका मानना है कि इन समुदायों के हितों की रक्षा करना और उनकी समस्याओं को सुलझाना सरकार की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि इमाम और मुअज्जिन जैसे धार्मिक सेवा में लगे व्यक्तियों के वेतन में देरी करना अनुचित है, क्योंकि इससे उनकी जीविका पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
दलितों आदिवासियों पिछड़ों मुस्लिमो की आवाज़ हैं बड़े भैया चंद्र शेखर आजाद जी।
— Krishna Sanjeet Jatav (@SanjeetJatavASP) October 12, 2024
दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाली वक्फ बोर्ड की मस्जिदों के इमामों और मुअज्जिनों के वेतन के संबंध में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष @BhimArmyChief नगीना सांसद भाई चंद्रशेखर जी ने माननीया मुख्यमंत्री… pic.twitter.com/qNJvREXyFF
भीम आर्मी चीफ ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के तहत आने वाली मस्जिदों के इमामों और मुअज्जिनों के वेतन का मुद्दा लंबे समय से लंबित है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस मुद्दे का शीघ्र समाधान किया जाए ताकि धार्मिक सेवाओं में लगे इन लोगों को आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े।
इस पत्र के माध्यम से चंद्रशेखर आज़ाद ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि वे समाज के हाशिए पर खड़े लोगों की आवाज़ हैं। उनके अनुसार, दलित, आदिवासी, पिछड़े और मुस्लिम समुदायों की समस्याओं को नज़रअंदाज़ करना उनके अधिकारों का हनन है। उन्होंने मुख्यमंत्री से त्वरित कार्रवाई की मांग की है और आशा जताई है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी।
भीम आर्मी के समर्थकों ने भी इस कदम का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द ही इस दिशा में कदम उठाएगी।