डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को हरियाणा सरकार ने फिर से 21 दिन की पैरोल दी है। सरकार ने इस बार पैरोल देने की वजह "आपातकालीन" स्थिति बताई है। राम रहीम, जो कई आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए गए हैं, का पैरोल मिलना एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया है, खासकर चुनावी समय के करीब आते ही।
बाबा राम रहीम को फिर से 21 दिन की पैरोल मिली है। हरियाणा सरकार ने पैरोल देने की वजह "आपातकालीन" बताई है।
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) October 1, 2024
राम रहीम की पेरोल का इलेक्शन कनेक्शन –
👉फरवरी 2022 में 21 दिन पैरोल– पंजाब विधानसभा चुनाव
👉जून 2022 में 30 दिन पैरोल– हरियाणा नगर निकाय चुनाव
👉अक्तूबर 2022 में 40 दिन… pic.twitter.com/1uffHZaKJY
पैरोल और चुनावों का कनेक्शन
बाबा राम रहीम को समय-समय पर मिलने वाली पैरोल का चुनावों के साथ जुड़ाव देखने को मिला है। बीते कुछ वर्षों में चुनावों के दौरान उन्हें कई बार पैरोल दी गई, जो इस बात की ओर इशारा करती है कि इसका सीधा संबंध राजनीतिक गतिविधियों से हो सकता है।
1. फरवरी 2022: पंजाब विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उन्हें 21 दिन की पैरोल दी गई थी।
2. जून 2022: हरियाणा नगर निकाय चुनावों से पहले राम रहीम को 30 दिन की पैरोल मिली।
3. अक्तूबर 2022: आदमपुर सीट के उपचुनाव के दौरान उन्हें 40 दिन की पैरोल दी गई।
4. जुलाई 2023: हरियाणा के पंचायत चुनावों के समय उन्हें 30 दिन की पैरोल मिली।
5. नवंबर 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें 21 दिन की पैरोल दी गई।
6. जनवरी 2024: लोकसभा चुनाव के नजदीक 50 दिन की पैरोल।
7. अक्टूबर 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें फिर से 21 दिन की पैरोल मिली है।
सरकार पर उठते सवाल
हरियाणा सरकार द्वारा राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने पर विपक्ष और समाज के विभिन्न वर्गों ने सवाल उठाए हैं। कई लोगों का मानना है कि राम रहीम के अनुयायियों का चुनावी प्रभाव काफी मजबूत है और राजनीतिक दल उनके समर्थन को अपने पक्ष में करने के लिए पैरोल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
पैरोल का औचित्य
सरकार का तर्क है कि राम रहीम की पैरोल "आपातकालीन" स्थिति के तहत दी गई है, हालांकि इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी गई है। पैरोल देने के कानूनी आधार और इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के चलते सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
राम रहीम के पैरोल और चुनावों के बीच यह पैटर्न राजनीतिक हलकों में चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम पर इसका क्या असर पड़ेगा।