नई दिल्ली, 12 अक्टूबर 2024: पिछले चार साल से जेल में बंद अतहर खान की मां का दर्द हाल ही में छलका जब उन्होंने अपने बेटे की स्थिति और देश में हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। उनका कहना था कि अगर महात्मा गांधी आज ज़िंदा होते, तो मौजूदा सरकार उन पर भी UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) लगा देती।
अतहर खान, जिन्हें देशद्रोह और UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था, चार साल से न्याय की आस में जेल में बंद हैं। उनकी मां ने मीडिया के सामने आकर अपनी पीड़ा व्यक्त की और कहा कि उनके बेटे को न्याय नहीं मिल रहा है, जबकि कई अन्य धर्मों के अपराधियों को आसानी से जमानत और पैरोल मिल रही है।
मुख्य न्यायाधीश का बयान
इस संदर्भ में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में एक कार्यक्रम में महत्वपूर्ण बातें कही। उन्होंने कहा, "न्याय केवल किया ही नहीं जाना चाहिए, बल्कि होते हुए दिखना भी चाहिए।" उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि न्याय के समय किसी व्यक्ति के जाति या धर्म को ध्यान में नहीं रखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में शासन सत्ता बदलता रहता है, जो आज सत्ता में है, जरूरी नहीं कि वह कल भी सत्ता में हो। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, और यहाँ के शासकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी समुदाय के साथ जाति और धर्म के नाम पर भेदभाव न हो।"
◼️ भारत में मुस्लिम समाज के ऊपर हो रहे अन्याय व अत्याचार के खिलाफ बोलते हुए पिछले 4 साल से जेल में बंद अतहर खान की मां का दर्द छलका उन्होंने कहा कि अगर आज गांधी जी ज़िंदा होते, तो ये सरकार उन पर भी UAPA लगा देती .
— बसावन इंडिया (@BasavanIndia) October 12, 2024
◼️भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम में कहा… pic.twitter.com/5pjVqwl9Qg
धार्मिक भेदभाव पर सवाल
मुख्य न्यायाधीश के बयान के बाद, अतहर खान की मां ने सवाल उठाया कि जब राम रहीम, आसाराम, और कुलदीप सिंह सेंगर जैसे लोगों को आसानी से जमानत और पैरोल मिल जाता है, तो अतहर खान, सरजील इमाम, ऊमर खालिद और गुलफिसा फातिमा जैसे अन्य लोगों को यह अधिकार क्यों नहीं दिया जा रहा है? उन्होंने कहा, "क्या धर्म के आधार पर न्याय किया जा रहा है?"
समाज में बढ़ती असुरक्षा
मुस्लिम समाज के कुछ हिस्सों में यह भावना घर करती जा रही है कि उनके साथ न्याय के नाम पर भेदभाव हो रहा है। ऐसे में कई लोग मानते हैं कि यदि इस स्थिति को नहीं सुधारा गया, तो लोगों का लोकतंत्र और संविधान से विश्वास उठ सकता है, जो देश के लिए खतरे की घंटी है।
बसावन इंडिया टीम का सुप्रीम कोर्ट से अपील
बसावन इंडिया टीम ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि किसी भी व्यक्ति के साथ धर्म, जाति या लिंग के आधार पर भेदभाव न हो। उन्होंने कहा कि "अगर लोगों को यह महसूस हुआ कि उनके साथ न्याय नहीं हो रहा है, तो लोकतंत्र और संविधान से उनका विश्वास उठ जाएगा, जो देश के लिए सही नहीं होगा।"
अतहर खान की मां की यह अपील न केवल उनके बेटे के लिए, बल्कि उन सभी लोगों के लिए है जो समान परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।