नई दिल्ली: AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन) नेता वारिस पठान ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) के हालिया बयान पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि देश को आस्था की बुनियाद पर नहीं, बल्कि संविधान के आधार पर चलाया जाना चाहिए।
वारिस पठान ने मीडिया से बातचीत में कहा, "चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया इतनी बड़ी पोस्ट पर बैठे हैं और उनके द्वारा इस तरह के बयान देना उचित नहीं है। अब सवाल यह उठता है कि हमारा देश आस्था की बुनियाद पर चलेगा या संविधान के अनुसार? अगर देश आस्था की बुनियाद पर चलेगा, तो फिर हमारी आस्थाओं का क्या? हमें देश संविधान से चलाना चाहिए और संविधान ही हर चीज का अंतिम आधार होना चाहिए।"
पठान ने आगे कहा, "CJI ने पहले ही कुछ अहम फैसले दे दिए हैं। अब उनके द्वारा दिए गए बयान को कैसे समझा जाए? कानून की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी होती है ताकि न्याय निष्पक्ष हो। संविधान तथ्य पर आधारित होता है और किसी भी फैसले को दोनों पक्षों को सुनने और तथ्यों को ध्यान में रखते हुए देना चाहिए।"
पठान ने अपने बयान में साफ कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी करना सही नहीं है और यह देश में बढ़ते ध्रुवीकरण को और हवा दे सकता है। "हम देख रहे हैं कि देश में क्या चल रहा है और कौन किसके पक्ष में है," उन्होंने कहा।
पठान का यह बयान ऐसे समय में आया है जब न्यायपालिका और आस्था के बीच संतुलन को लेकर बहस तेज हो रही है। उनका कहना है कि न्यायपालिका को संविधान के अनुसार काम करना चाहिए, न कि आस्था या विश्वास के आधार पर।