भोपाल: राजधानी भोपाल में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें 12 साल के एक बच्चे की अचानक मौत हो गई। घटना साईं बाबा नगर की है, जहां कैलाश बिल्लौरे के बेटे समर बिल्लौरे की डीजे की तेज आवाज के चलते बेहोशी के बाद मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अत्यधिक तेज आवाज के कारण बच्चे को कार्डिएक अरेस्ट हुआ।
घटना सोमवार की है जब समर अपने मोहल्ले के अन्य लड़कों के साथ दुर्गा मूर्ति विसर्जन के लिए निकला था। विसर्जन यात्रा के दौरान बहुत तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा था, जिससे लोग धुन में झूम रहे थे। इसी बीच समर अचानक सड़क पर गिर पड़ा और बेहोश हो गया। उसे तुरंत पास के एक डॉक्टर के पास ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर ने चेक करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
समर के बड़े भाई अमर बिल्लौरे का आरोप है कि डीजे की अत्यधिक तेज आवाज के कारण ही समर बेहोश हुआ और उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा, "हमारे परिवार का मानना है कि डीजे की तेज आवाज ही मौत का कारण बनी है।"
इस घटना ने शहर में तेज आवाज से होने वाले खतरों पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही निर्देश दिए हैं कि 55 डेसिबल से अधिक की आवाज बच्चों और बुजुर्गों के लिए हानिकारक हो सकती है। लेकिन भोपाल में कई मौकों पर 125 डेसिबल तक की ध्वनि सीमा को पार करने वाले डीजे बजाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं।
हालांकि, इस मामले में अभी तक पुलिस में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है, लेकिन घटना ने प्रशासन और समाज में तेज आवाज से जुड़े खतरों पर जागरूकता की जरूरत को उजागर किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक तेज आवाज से कार्डियक अरेस्ट की संभावना होती है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में।
यह घटना इस ओर इशारा करती है कि त्योहारों और सार्वजनिक आयोजनों के दौरान ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि इस तरह की त्रासदी से बचा जा सके।