शाहाबाद, बिहार – इस साल विजयदशमी पर, शाहाबाद में एक ऐतिहासिक घटना होने जा रही है, जब लगभग 50,000 लोग बौद्ध धम्म की दीक्षा लेंगे। यह आयोजन बौद्ध धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ाने और जातिवाद के खिलाफ एक सशक्त संदेश देने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
आयोजन के आयोजकों का मानना है कि समाज में व्याप्त जातिवाद और धार्मिक भेदभाव के खिलाफ यह एक महत्वपूर्ण कदम है। आयोजकों ने कहा, "बिना कारण कोई किसी के विरुद्ध नहीं होता। जाति से कोई अशुद्ध नहीं होता। कुछ तो कमी नजर आई होगी धर्म में, वरना महलों का वो राजकुमार आज गौतम बुद्ध ना होता।" इस विचार के साथ, वे बौद्ध धर्म के सच्चे मूल्य और शिक्षाओं को फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बिना कारण कोई किसी के विरुद्ध नहीं होता जाति से कोई अशुद्ध नहीं होता कुछ तो कमी नजर आई होगी धर्म में वरना महलों का वो राजकुमार आज गौतम बुद्ध ना होता
— 🍁Ashok Bauddha🍁 (@AshokBuaddha) October 11, 2024
बिहार के शाहाबाद में 50000 लोग लेंगे बौद्ध धम्म की दीक्षा #अशोक सम्राट विजयदशमी के दिन#जयभीम #नमोबुद्धाय pic.twitter.com/GMTDyrZ0EH
इस कार्यक्रम की तैयारी पिछले कई महीनों से चल रही है, जिसमें स्थानीय बौद्ध संघ और सामाजिक कार्यकर्ताओं का सहयोग शामिल है। दीक्षा समारोह में विभिन्न बौद्ध भिक्षु और विद्वान शामिल होंगे, जो बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को साझा करेंगे और लोगों को बौद्ध धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि यह आयोजन न केवल एक धार्मिक कार्यक्रम है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव की दिशा में एक कदम भी है। कार्यक्रम के अंतर्गत चर्चा, ध्यान, और बौद्ध धर्म के सिद्धांतों पर कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी, जिससे प्रतिभागियों को अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा मिलेगी।
समारोह का आयोजन महात्मा बुद्ध के संदेश को फैलाने के उद्देश्य से किया गया है, जो प्रेम, करुणा और समानता पर आधारित है। आयोजकों ने सभी समुदायों से इस कार्यक्रम में भाग लेने का आग्रह किया है, ताकि समाज में एकता और सद्भाव का संदेश फैल सके।
इस ऐतिहासिक आयोजन की तैयारी और इसके महत्व को देखते हुए, शाहाबाद का यह दीक्षा समारोह एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है, जो समाज में बदलाव लाने की क्षमता रखता है।