महिलाओं की ज़िंदगी में शादी के बाद बड़े बदलाव आते हैं, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक। शादी के बाद महिलाएं न केवल अपनी जीवनशैली में बदलाव महसूस करती हैं, बल्कि उनके शरीर में भी कई परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इन परिवर्तनों में सबसे आम है कमर का फैलाव, जिसे लेकर हाल ही में चर्चा तेज़ हुई है। महिलाओं की कमर का फैलना न केवल सौंदर्य के दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।
शादी के बाद महिलाओं के शारीरिक बदलाव
शादी के बाद महिलाओं की कमर का फैलाव और वजन बढ़ने की समस्या नई नहीं है। एथेंस में कुछ साल पहले हेलेनिक मेडिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट, दिमित्रिस कियोरसिस, ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि शादी के बाद महिलाओं और पुरुषों दोनों में मोटापा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन सकता है। शादीशुदा पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह बदलाव अधिक देखा गया है, खासकर कमर के क्षेत्र में।
दिमित्रिस कियोरसिस के अनुसार, शादीशुदा महिलाओं का पेट कुंवारी लड़कियों की तुलना में दोगुना बड़ा हो जाता है, और इसका प्रमुख कारण जीवनशैली और शारीरिक गतिविधियों में आने वाला बदलाव है।
कमर फैलने के प्रमुख कारण
शादी के बाद महिलाओं की शारीरिक बनावट में बदलाव के पीछे कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं प्रमुख कारण:
1. जीवनशैली में बदलाव: शादी के बाद महिलाओं की दिनचर्या बदल जाती है। कामकाज के दबाव और घर-परिवार की जिम्मेदारियों के चलते महिलाएं अपनी मर्जी से डाइट या एक्सरसाइज पर ध्यान नहीं दे पातीं। इसका सीधा असर उनके वजन और कमर के फैलाव पर पड़ता है।
2. शारीरिक संबंध: सेन फ्रांसिस्को में हुई एक रिसर्च के अनुसार, शारीरिक संबंधों के दौरान मांसपेशियों की सक्रियता बढ़ जाती है, खासकर शरीर के निचले हिस्से में। यह भी कमर के फैलाव का एक कारण हो सकता है।
3. हार्मोनल बदलाव: शादी के बाद महिलाओं के हार्मोनल बदलाव भी उनके शरीर को प्रभावित करते हैं। कई बार फेरोमोनस और अन्य हार्मोनल बदलावों के कारण शारीरिक बनावट में अंतर आता है, जिससे कमर का आकार बढ़ सकता है।
4. बच्चे को जन्म देना: बच्चे को जन्म देने से पहले और बाद में शरीर में प्राकृतिक रूप से बदलाव होते हैं। इससे महिलाओं की कमर और निचला हिस्सा विशेष रूप से प्रभावित होता है, जो कमर के फैलाव का प्रमुख कारण है।
इस समस्या का समाधान
कमर के फैलाव और वजन बढ़ने की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम और संतुलित आहार इस समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं। हार्मोनल बदलावों के कारण होने वाले प्रभावों के लिए डॉक्टर से सलाह लेना भी जरूरी है।
महिलाओं का शरीर जीवन के विभिन्न चरणों में बदलाव का सामना करता है, और यह जरूरी है कि वे इन बदलावों को समझें और स्वस्थ तरीके से उनका सामना करें।