सोशल मीडिया पर एक दिल दहला देने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जा रही ट्रेन के डिब्बों के बीच कपलिंग पर बच्चे को गोदी लिए हुई मां सफर करती दिखाई दे रहा है। इस वीडियो को देखने के बाद लोगों के होश उड़ गए हैं और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक माँ अपनी गोद में एक छोटे बच्चे को लिए हुए ट्रेन की कपलिंग पर बैठी है, और तेज रफ्तार ट्रेन में बिना किसी सुरक्षा के सफर कर रही है। यह वीडियो न केवल सोशल मीडिया यूजर्स के बीच सनसनी बन चुका है, बल्कि इसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों आई कि किसी को इतनी खतरनाक जगह पर सफर करने की मजबूरी उठानी पड़ी।
भारतीय रेल का इससे ज्यादा खतरनाक वीडियो नही मिल सकता नि शब्द pic.twitter.com/oYjbKVUyFm
— Abdul Qadir (@MrIndiA_786) October 5, 2024
लोगों की प्रतिक्रियाएं
इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं तीखी आ रही हैं। आशीष नाम के एक यूजर ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा, "पैसों की तंगी और सरकार की बढ़ती महंगाई ऊपर से रेलवे टिकट और प्लेटफार्म टिकट का महंगा होना, साथ ही पैसेंजर एक्सप्रेस की जगह वंदे भारत जैसी ट्रेनों में पैसा फूंकना, बेचारी जनता को कपलिंग पर बैठने के लिए मजबूर कर रही है। लेकिन देश के महामानव प्रधानमंत्री को क्या फर्क पड़ता है।"
हमीद उल्लाह नाम के एक अन्य यूजर ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा, "जरूर कोई मजबूरी रही होगी।" उन्होंने इस घटना के पीछे किसी गंभीर आर्थिक या सामाजिक समस्या की ओर इशारा किया है।
सुरक्षा पर सवाल
यह वीडियो न केवल लोगों को भावनात्मक रूप से झकझोर रहा है, बल्कि रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहा है। सवाल यह उठता है कि आखिर ट्रेन की कपलिंग पर इस तरह सफर करना कैसे संभव हुआ, और रेलवे प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठा रहा है।
समाज की बेबसी की झलक
यह घटना एक बड़ा सामाजिक मुद्दा भी उजागर करती है। देश में बढ़ती महंगाई और गरीबों की स्थिति इस हद तक खराब हो गई है कि लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर सफर करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। यह वीडियो केवल एक हादसे का संकेत नहीं है, बल्कि यह समाज के उस वर्ग की हकीकत है जो अपनी रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है।
इस वीडियो ने न केवल देश की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह सरकार और समाज को भी आईना दिखा रहा है कि देश के निचले तबके के लोग किस प्रकार की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं।