फरीदाबाद, 23 अगस्त – हरियाणा के फरीदाबाद में 23 अगस्त की रात एक भयानक घटना घटी, जब डस्टर कार सवार छात्र आर्यन मिश्रा को गोतस्कर समझकर मार दिया गया। आर्यन के पिता ने इस दुखद घटना के बाद गुस्से और आक्रोश के साथ सवाल उठाया है, "क्या इनको अधिकार मिला है कि गोतस्कर समझकर गोली मार दें? ये अधिकार मोदी सरकार ने दिया है तो क्यों दिया है?"
आर्यन मिश्रा, जो एक छात्र था, उस रात अपने लैंडलॉर्ड और अन्य लोगों के साथ मैगी खाकर घर लौट रहा था। रास्ते में कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी को रोकने की कोशिश की, लेकिन डर के मारे उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी। इसके बाद आरोपियों ने करीब 20 किलोमीटर तक उनका पीछा किया और अंततः गोली मार दी।
"हमारे बेटे को पशु तस्कर समझ रहे थे। 30 Km तक गोलियां चली। क्या इनको अधिकार मिला है कि गोतस्कर समझकर गोली मार दें? ये अधिकार मोदी सरकार ने दिया है तो क्यों दिया है?"
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) September 3, 2024
हरियाणा में गोतस्कर समझकर जिस छात्र आर्यन मिश्रा की गोरक्षकों ने हत्या कर दी, उसके पिता को सुनिए – https://t.co/8nsScVolAN pic.twitter.com/oldmVM6xH9
इस दर्दनाक घटना में अब तक पांच गोरक्षक – अनिल कौशिक, वरुण, कृष्ण, सौरभ, और आदेश – को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने दावा किया है कि उन्हें जानकारी मिली थी कि डस्टर और फॉर्चूनर कारों में गोतस्कर घूम रहे थे। आर्यन मिश्रा की कार भी एक डस्टर थी, और जब उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी, तो उन पर शक और गहरा गया। इसी संदेह के आधार पर उन्होंने आर्यन की गाड़ी का पीछा किया और गोली चला दी।
आर्यन के पिता का कहना है कि उनके बेटे को बिना किसी ठोस सबूत के गोतस्कर समझ लिया गया और उसकी हत्या कर दी गई। उनका सवाल है कि क्या गोतस्करी के शक के आधार पर किसी को गोली मारने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ऐसा कोई अधिकार दिया गया है, तो इसका जवाब सरकार को देना होगा।
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि समाज में सुरक्षा और न्याय की भावना पर भी एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। आर्यन के परिवार ने इस घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सख्त सजा की मांग की है।