मानिकपुर, चित्रकूट: सिद्ध विनायक अस्पताल के डॉक्टर अनिल कुमार जायसवाल उर्फ शंभू पर गंभीर आरोप लगे हैं। एक 35 वर्षीय महिला ने डॉक्टर पर बेहोशी की दवा देकर उसके कपड़े उतारने, वीडियो बनाने, और बाद में ब्लैकमेल करके दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। यह मामला अब पुलिस के सामने आया है, जिसमें डॉक्टर, उसके भतीजे, और एक अज्ञात दारोगा सहित पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
महिला ने मीडिया को बताया कि वह करीब दो महीने पहले इलाज के लिए सिद्ध विनायक अस्पताल गई थी। डॉक्टर ने उसे नशीला इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया और उसके कपड़े उतारकर वीडियो बना लिया। जब महिला होश में आई, तो उसे पता चला कि वीडियो बनाई जा चुकी है। डॉक्टर ने वीडियो के आधार पर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया और उसे विभिन्न स्थानों पर बुलाने लगा।
महिला ने बताया कि डॉक्टर ने उसे शादी का झांसा देकर कई बार दुष्कर्म किया और उसके पति को भी धमकी दी। महिला का आरोप है कि डॉक्टर ने उसे जनपद कौशांबी के मंझनपुर और फिर थाना सरधुवा क्षेत्र लेकर जाकर कई लोगों से दुष्कर्म कराया। आरोप है कि एक अज्ञात दारोगा ने भी इस दौरान दुष्कर्म किया।
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— Abhimanyu Singh Journalist (@Abhimanyu1305) September 2, 2024
महिला ने लगाए गंभीर आरोप, डॉक्टर बेहोशी का इंजेक्शन लगाया फिर अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैक मेल कर बाँदा के दरोगा को साथ लेकर सरधुवा थाना क्षेत्र में दुष्कर्म किया। pic.twitter.com/z0EFvaDhEK
महिला ने कहा कि डॉक्टर ने उसे यह भी धमकी दी कि यदि उसने इसका विरोध किया या पुलिस में शिकायत की, तो वह उसके पति की हत्या करा देगा। महिला ने दावा किया कि डॉक्टर सेक्स रैकेट चला रहा है और महिला व युवतियों को फांसने के लिए इस तरह के घिनौने काम करता है।
सिद्ध विनायक अस्पताल में काम करने वाले अन्य लोगों ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है और अस्पताल में छापेमारी की है। फोरेंसिक टीम भी साक्ष्य जुटा रही है।
यह मामला अब पुलिस के जांच के दायरे में है और महिला की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस मामले में किसी भी तरह की जानकारी देने में मदद करें ताकि आरोपियों को सजा मिल सके और ऐसी दरिंदगी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
इस घटना ने स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया है और यह सवाल उठाया है कि क्या चिकित्सा क्षेत्र में इस तरह की बुरी घटनाओं की कोई जांच या सुरक्षा व्यवस्था है। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और आरोपियों को सजा दिला पाती है या नहीं।