सीपीआर क्या है? मरे हुए व्यक्ति को सीपीआर देकर कैसे जीवित किया जा सकता है?

सीपीआर क्या है? मरे हुए व्यक्ति को सीपीआर देकर कैसे जीवित किया जा सकता है?

 

नई दिल्ली, 18 सितंबर, 2024 – सीपीआर (CPR) यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (Cardiopulmonary Resuscitation) एक आपातकालीन चिकित्सा प्रक्रिया है जिसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति का दिल धड़कना बंद कर देता है या उसकी सांस रुक जाती है। इस तकनीक का उद्देश्य हृदय और मस्तिष्क तक ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति बनाए रखना है, ताकि महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान न पहुंचे और व्यक्ति की जान बचाई जा सके।

 सीपीआर क्या है?

सीपीआर एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें छाती पर बार-बार दबाव डालने (chest compressions) और मुंह से सांस देने (rescue breaths) की तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य हृदय की धड़कन और श्वसन प्रणाली को फिर से सक्रिय करना होता है, ताकि व्यक्ति की मृत्यु को रोका जा सके।

 सीपीआर कब दिया जाता है?

सीपीआर का उपयोग आमतौर पर निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है:

- हृदय गति रुकने पर: जब किसी व्यक्ति का दिल धड़कना बंद कर देता है।

- सांस रुकने पर: जब व्यक्ति की सांसें रुक जाती हैं।

- डूबने, बिजली का झटका लगने या अन्य कारणों से: जिनसे व्यक्ति बेहोश हो सकता है या उसकी सांस रुक सकती है।

 सीपीआर देने का तरीका

अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को देखते हैं जो बेहोश है, उसकी सांस नहीं चल रही है, या उसकी नाड़ी महसूस नहीं हो रही है, तो सीपीआर शुरू करने से पहले निम्नलिखित कदम उठाएं:

1. परिस्थिति का मूल्यांकन करें: सुनिश्चित करें कि व्यक्ति को कोई तत्काल खतरा नहीं है, और आप सुरक्षित रूप से उसकी मदद कर सकते हैं।

2. आपातकालीन सेवाओं को बुलाएं: किसी को तुरंत एम्बुलेंस बुलाने के लिए कहें या आप खुद 112 (भारत में) पर कॉल करें।

3. सीपीआर शुरू करें:

    - चेस्ट कंप्रेशंस (Chest Compressions): पीड़ित की छाती के बीचों-बीच अपने दोनों हाथ रखें। एक हाथ को दूसरे के ऊपर रखें और अपनी कोहनियों को सीधा रखते हुए छाती को करीब 2 इंच तक दबाएं। यह प्रक्रिया प्रति मिनट 100-120 बार की गति से करें। 

    - रेस्क्यू ब्रीथ्स (Rescue Breaths): हर 30 कंप्रेशंस के बाद, व्यक्ति की नाक को बंद करें और उसके मुंह में अपने मुंह से दो बार हवा भरें। हर बार फूंकते समय उसके सीने को ऊपर उठते हुए देखें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि फेफड़ों में हवा जा रही है।

4. लगातार सीपीआर दें: तब तक सीपीआर जारी रखें जब तक कि चिकित्सा सहायता न आ जाए या व्यक्ति होश में न आ जाए। 

 सीपीआर का महत्व

अक्सर, दिल की धड़कन रुकने या सांस रुकने के कुछ मिनटों के भीतर ही मस्तिष्क को अपरिवर्तनीय नुकसान पहुंचने लगता है। अगर समय पर सीपीआर दिया जाए, तो इससे व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति को पहले 3-5 मिनट के भीतर सीपीआर दिया जाता है, तो उसकी बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

 सीपीआर सीखने की आवश्यकता

सीपीआर एक ऐसी महत्वपूर्ण जीवनरक्षक तकनीक है जिसे हर व्यक्ति को सीखना चाहिए। इस प्रक्रिया को सीखने के लिए कई संस्थान और अस्पताल सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते हैं। एक सही समय पर दी गई सीपीआर किसी की जान बचा सकती है और किसी परिवार को एक अनमोल सदस्य लौटाने में मदद कर सकती है।

सीपीआर की जानकारी होना किसी भी आपात स्थिति में आपकी क्षमता को बढ़ा सकता है और यह आपको दूसरों की मदद करने में सक्षम बनाता है। 

– टीम स्वास्थ्य संवाद

Rangin Duniya

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