पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के हरिपाल क्षेत्र से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। शुक्रवार, 6 सितंबर 2024 को एक 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की वारदात ने राज्य में महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लड़की कक्षा नौवीं की छात्रा है और ट्यूशन से लौटते समय उसे एक कार में अगवा किया गया था। बलात्कारियों ने वारदात को अंजाम देने के बाद उसे सड़क किनारे फेंक दिया।
लड़की को बेहोशी की हालत में स्थानीय लोगों ने सड़क पर पाया, उसके कपड़े फटे हुए थे और वह बुरी तरह घायल थी। तत्काल उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी चिकित्सा जांच की गई। पीड़िता की हालत अब स्थिर बताई जा रही है, लेकिन मानसिक और शारीरिक आघात गंभीर हैं।
घटना के बाद स्थानीय महिलाओं और समाज के विभिन्न वर्गों ने पुलिस की निष्क्रियता पर कड़ा विरोध जताया है। घटना के 48 घंटे बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस ने बयान जारी कर कहा, "हम जांच कर रहे हैं और मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सभी सुरागों पर काम कर रहे हैं।" हालांकि, अब तक किसी संदिग्ध की पहचान नहीं की गई है, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
इस घटना ने राज्य की राजनीतिक स्थिति को और भी गर्म कर दिया है। भाजपा ने इस मामले में राज्य सरकार और पुलिस पर दोष मढ़ते हुए कहा है कि प्रशासन इस घटना को छुपाने का प्रयास कर रहा है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि स्थानीय टीएमसी नेता स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इस घटना की जानकारी बाहर न आ सके। उन्होंने ममता बनर्जी सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "यह सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर पूरी तरह से विफल रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।"
मालवीय ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने बलात्कार और यौन अपराधों से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं और फास्ट-ट्रैक कोर्ट स्थापित करने में भी विफल रही है।
इस घटना ने राज्यभर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर नए सिरे से बहस शुरू कर दी है। स्थानीय महिलाएं और सामाजिक संगठन पुलिस से लगातार पूछ रहे हैं कि अभी तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई है। राज्य सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है कि वह महिलाओं की सुरक्षा के मामले में अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रही है।
पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और जांच में सहयोग करने की अपील की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, यह घटना पश्चिम बंगाल के सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़े करती है और यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस दिशा में क्या कदम उठाएगा।
इस वीभत्स घटना ने एक बार फिर राज्य में महिला सुरक्षा के मुद्दे को उजागर कर दिया है। पुलिस और प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सजा दिलाई जा सके और पीड़िता को न्याय मिल सके।