आज के युग में, जहाँ विज्ञान और तकनीक ने अद्भुत प्रगति की है, फिर भी समाज में कई लोग ऐसे हैं जो अंधविश्वास, टोना-टोटका, तंत्र-मंत्र और भूत-प्रेत जैसी धारणाओं से घिरे हुए हैं। ऐसे ही संदर्भ में हनुमान जी की शरण में आने और श्रीराम जी के प्रति श्रद्धा रखने का एक महत्वपूर्ण संदेश दिया गया है।
हाल ही में एक कथा के दौरान यह संदेश दिया गया कि कई लोग तांत्रिकों और गुनिया-बाबाओं के चक्कर में पड़ जाते हैं। इनका मानना होता है कि भूत-प्रेत या अन्य नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए ये टोने-टोटके आवश्यक हैं। लेकिन इस बात पर जोर दिया गया कि इन सब परेशानियों का समाधान हनुमान जी की भक्ति में है।
हनुमान चालीसा का महत्व
कथाकार ने हनुमान चालीसा का संदर्भ देते हुए बताया कि इसमें स्पष्ट लिखा गया है: "रामद्वार तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे।" इसका तात्पर्य यह है कि हनुमान जी रामजी के द्वार के रक्षक हैं, और जहां रामजी का निवास होता है, वहां हनुमान जी स्वयं उनकी रक्षा करते हैं। जिनके घर में रामजी का स्थान होता है, वहां किसी भी प्रकार के टोने-टोटके या भूत-प्रेतों का कोई प्रभाव नहीं होता।
राम जी के प्रति श्रद्धा और विश्वास
समाज के कई हिस्सों में आज भी अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र की प्रथा चली आ रही है, लेकिन इस कथा में बताया गया कि अगर हम अपने घर में रामजी का स्थान देंगे और उनकी पूजा-अर्चना करेंगे, तो कोई भी नकारात्मक शक्ति हमारे घर के आस-पास भी नहीं आएगी। हनुमान जी राम जी के द्वार पर खड़े होते हैं और हमारे हर संकट से रक्षा करते हैं।
संदेश: भय से मुक्ति
अंत में यह संदेश दिया गया कि जब हमारे जीवन में रामजी और हनुमान जी का वास होता है, तो हमें किसी भी प्रकार के भूत-प्रेत, टोना-टोटका या अंधविश्वास से डरने की आवश्यकता नहीं है। जब सीताराम का नाम हमारे सिर पर होता है, तब किसी भी प्रकार की चिंता या भय नहीं रहता। इसलिए, हर व्यक्ति को राम और हनुमान जी की भक्ति में लीन होना चाहिए और किसी भी प्रकार के टोने-टोटके से घबराना नहीं चाहिए।
हनुमान जी की भक्ति हमें न केवल तंत्र-मंत्र से बचाती है, बल्कि हमारे जीवन में शांति और सुरक्षा भी लाती है।