सोलन, हिमाचल प्रदेश - हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के वांकाघाट क्षेत्र में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में रैगिंग का गंभीर मामला सामने आया है, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। एक जूनियर छात्र ने वरिष्ठ छात्रों पर आरोप लगाया है कि उन्हें निर्दयता से पीटा गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने समाज और प्रशासन में चिंता पैदा कर दी है।
वीडियो में पांच से छह छात्रों को एक कमरे में एकत्रित देखा जा सकता है। इनमें से दो छात्र एक जूनियर छात्र को जबरदस्ती एक कुर्सी पर बैठाते हैं और फिर बेल्ट और मुक्कों से उसकी बर्बर पिटाई करते हैं। अन्य छात्र पास खड़े होकर यह सब देख रहे हैं और इस हिंसा का आनंद ले रहे हैं। वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही इसके कैप्शन में लिखा गया, "हिमाचल प्रदेश: जूनियर छात्र की रैगिंग," "बेल्ट, लात और घूंसे से पिटाई," और "तीनों छात्रों को विश्वविद्यालय से निष्कासित किया गया।"
यह घटना विश्वविद्यालय परिसर के भीतर घटित हुई और जैसे ही वीडियो सार्वजनिक हुआ, लोगों में आक्रोश फैल गया।
इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर व्यापक प्रतिक्रिया हो रही है। लोग इस घिनौने कृत्य की कड़ी निंदा कर रहे हैं। विद्यार्थियों के बीच के इस प्रकार के व्यवहार पर गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं, और यह सवाल किया जा रहा है कि आखिर क्यों रैगिंग जैसी घिनौनी प्रथा आज भी जारी है, जबकि इसे रोकने के लिए कड़े कानून बने हुए हैं।
वीडियो में शामिल सभी आरोपित छात्रों की पहचान कर ली गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन आरोपित छात्रों को विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जिन भी छात्रों ने इस कृत्य में भाग लिया है, उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जैसे ही यह मामला प्रकाश में आया, विश्वविद्यालय प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने तुरंत संज्ञान लिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने पीड़ित छात्र की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। रैगिंग से संबंधित मामलों में भारत के कानून कड़े हैं, और दोषियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस ने तत्परता दिखाई है।
सोलन के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वीडियो के आधार पर सभी आरोपित छात्रों की पहचान हो चुकी है और उन्हें जल्द ही हिरासत में लिया जाएगा। उन्होंने कहा, "रैगिंग जैसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा, और दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी सजा दी जाएगी।"
रैगिंग की घटनाएं लंबे समय से भारतीय शैक्षिक संस्थानों में एक समस्या रही हैं। भले ही सुप्रीम कोर्ट और सरकार ने रैगिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाए हों, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं।
इस घटना के बाद, शिक्षा और सामाजिक संगठनों ने इस पर चिंता जताई है और सरकार से आग्रह किया है कि वह रैगिंग को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए और सख्त कदम उठाए।
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि रैगिंग जैसी कुरीतियों को जड़ से खत्म करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। विद्यालय और विश्वविद्यालय प्रशासन को ऐसी घटनाओं पर कड़ी नजर रखनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाएं न हों।