देवास, मध्य प्रदेश – मुसलमानों के प्रति नफरत का अंधकार अब अपनों पर ही भारी पड़ रहा है। मध्य प्रदेश के देवास जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां स्थानीय लोगों ने भीख मांगने वाले दो साधुओं को मुसलमान समझकर बुरी तरह पीट दिया।
घटना में पीड़ित साधुओं की पहचान 'रोहित' और 'दीपक' के रूप में हुई है। पुलिस जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि ये दोनों युवक मुसलमान नहीं, बल्कि हिंदू हैं और मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के निवासी हैं। ये दोनों युवक उस समुदाय से आते हैं, जो परंपरागत रूप से गांव-गांव घूमकर भिक्षा मांगकर जीवनयापन करते हैं।
स्थानीय लोगों ने शक के आधार पर इन दोनों को घेर लिया और बिना किसी सत्यापन के उन पर हमला कर दिया। जब पुलिस को मामले की सूचना मिली, तो तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्होंने साधुओं को भीड़ के चंगुल से बचाया। पुलिस ने बाद में बताया कि यह मामला पूरी तरह से गलतफहमी का था और पीड़ित दोनों युवक हिंदू समुदाय से संबंध रखते हैं।
देवास पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "लोगों में फैली असहिष्णुता और पूर्वाग्रह के कारण इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं। बिना सत्यापन के किसी पर हमला करना न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह समाज में फैल रही नफरत को भी उजागर करता है।"
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि धर्म और पहचान के आधार पर फैलाई जा रही नफरत हमारे समाज को किस दिशा में ले जा रही है। देशभर में इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जहां किसी की पहचान के आधार पर उसे निशाना बनाया जाता है। ऐसे में यह जरूरी है कि समाज में आपसी समझ और सहिष्णुता को बढ़ावा दिया जाए।
पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया है और आगे की जांच जारी है। पुलिस ने यह भी अपील की है कि लोग किसी भी तरह की अफवाह या पूर्वाग्रह के आधार पर कोई कार्रवाई न करें।
यह घटना समाज में बढ़ते असहिष्णुता और नफरत के माहौल की गंभीरता को दर्शाती है, जहां किसी की पहचान को लेकर जल्दबाजी में नकारात्मक कदम उठाए जाते हैं।
यह घटना न केवल एक चेतावनी है, बल्कि एक अवसर भी है कि हम सभी अपने पूर्वाग्रहों पर पुनर्विचार करें और समाज में शांति और सद्भावना को बढ़ावा दें। पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।