नई दिल्ली - कीगल एक्सरसाइज, पुरुषों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकती है। यह साधारण और प्रभावशाली व्यायाम यौन स्वास्थ्य से लेकर मूत्राशय की नियंत्रण क्षमता तक कई पहलुओं में मदद करता है।
कीगल एक्सरसाइज क्या है?
कीगल एक्सरसाइज, जिसे पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज भी कहा जाता है, उन मांसपेशियों को लक्षित करती है जो मूत्राशय और अन्य पेल्विक अंगों को सहारा देती हैं। इन मांसपेशियों को ‘पेल्विक फ्लोर मसल्स’ कहा जाता है, और इन्हें संकुचित और ढीला करने के माध्यम से ये एक्सरसाइज की जाती हैं।
इसे कैसे करना चाहिए?
कीगल एक्सरसाइज को सही तरीके से करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
1. सही मांसपेशियों की पहचान करें: मूत्र करते समय, बीच में रोककर देखना आपकी पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को पहचानने में मदद कर सकता है। ये मांसपेशियां ही कीगल एक्सरसाइज में काम आती हैं।
2. संकुचन और ढीला करना: मांसपेशियों को संकुचित करें और कुछ सेकंड के लिए ऐसे ही रखें। फिर, धीरे-धीरे इन्हें ढीला करें। यह प्रक्रिया 10-15 बार दोहराएँ।
3. शांत और आरामदायक स्थान: इन एक्सरसाइज को आरामदायक और शांत स्थान पर बैठकर करें ताकि ध्यान केंद्रित रहे।
4. नियमितता: इसे दिन में 3-4 बार करने का प्रयास करें, और धीरे-धीरे इस संख्या को बढ़ाएँ।
पुरुषों के लिए फायदे
1. यौन स्वास्थ्य में सुधार: कीगल एक्सरसाइज से पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है, जिससे यौन क्रिया में सुधार और इरेक्टाइल डिसफंक्शन की संभावना कम होती है।
2. मूत्राशय की नियंत्रण क्षमता: नियमित रूप से कीगल एक्सरसाइज करने से मूत्राशय की नियंत्रण क्षमता में सुधार होता है, जिससे पेशाब के दौरान अकस्मात रिसाव की संभावना कम होती है।
3. सहायक संरचना: यह व्यायाम पेल्विक फ्लोर को मजबूत बनाता है, जिससे यह अंगों को सहारा देने में सक्षम होता है।
4. आसान और सुविधाजनक: इन एक्सरसाइज को कहीं भी और किसी भी समय किया जा सकता है, और ये किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है।
कीगल एक्सरसाइज पुरुषों के लिए एक सरल लेकिन प्रभावशाली तरीका है, जिससे वे अपने यौन स्वास्थ्य और मूत्राशय की नियंत्रण क्षमता को बेहतर बना सकते हैं। इसे नियमित रूप से करने से दीर्घकालिक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। अगर आपको इस प्रक्रिया में कोई कठिनाई होती है, तो चिकित्सक से सलाह लेना उपयोगी हो सकता है।