भारतीय रेलवे के धरोहर और backbone के रूप में ट्रैकमैनों की भूमिका अदा करने वाले कर्मचारियों की स्थिति आज भी उपेक्षित बनी हुई है। ट्रैकमैन, जो रेलवे ट्रैक की देखरेख और मरम्मत के लिए हर दिन अथक मेहनत करते हैं, को अक्सर उनके अधिकार और सुरक्षा सुविधाओं से वंचित रखा जाता है। उनके हालात की तस्वीर स्पष्ट रूप से तब सामने आती है जब उनके रोजमर्रा के जीवन और कामकाजी परिस्थितियों पर नज़र डाली जाती है।
ट्रैकमैन हर दिन 35 किलो वजन के औजार लेकर 8-10 किलोमीटर पैदल चलते हैं। उनकी नौकरी ट्रैक पर ही शुरू होती है और वो ट्रैक से ही रिटायर हो जाते हैं। यह स्थिति तब और खराब हो जाती है जब यह पता चलता है कि विभागीय परीक्षा (LDCE) को पास कर दूसरे कर्मचारी बेहतर पदों पर जा सकते हैं, लेकिन ट्रैकमैन को इस परीक्षा में बैठने की भी अनुमति नहीं मिलती।
इस कठिन और जोखिमपूर्ण काम में ट्रैकमैन हर साल करीब 550 दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं, जिससे उनकी जान चली जाती है। यह दुखद तथ्य इसलिए सामने आया है क्योंकि उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं।
रेलवे को गतिशील और सुरक्षित बनाए रखने वाले ट्रैकमैन भाइयों के लिए सिस्टम में ‘न कोई प्रमोशन है, न ही इमोशन’।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 3, 2024
भारतीय रेल कर्मचारियों में ट्रैकमैन सबसे ज्यादा उपेक्षित हैं, उनसे मिल कर उनकी समस्याओं और चुनौतियों को समझने का मौका मिला।
ट्रैकमैन 35 किलो औजार उठाकर रोज 8-10 कि.मी.… pic.twitter.com/OL1Q49CLLN
ट्रैकमैन भाइयों ने अपनी प्रमुख मांगों को स्पष्ट किया है, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है:
1. रक्षक यंत्र: ट्रैक पर काम करते समय हर ट्रैकमैन को ‘रक्षक यंत्र’ मिले, जिससे उन्हें ट्रैक पर ट्रेन आने की सूचना समय पर मिल सके। यह यंत्र उनकी सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और दुर्घटनाओं को कम कर सकता है।
2. विभागीय परीक्षा (LDCE) के माध्यम से तरक्की: ट्रैकमैन को भी विभागीय परीक्षा के माध्यम से तरक्की के अवसर मिलना चाहिए। यह उनके काम और मेहनत की सराहना होगी और उन्हें नौकरी में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
ट्रैकमैन की तपस्या और मेहनत से ही करोड़ों भारतीयों की सुरक्षित रेल यात्रा संभव होती है। उनकी सुरक्षा और तरक्की सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। रेलवे प्रणाली को इस दिशा में त्वरित और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि ट्रैकमैन के कठिन परिश्रम को उचित सम्मान और सुरक्षा मिल सके।