नई दिल्ली: कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस वेदव्यास चार शीशा आनंद द्वारा बेंगलुरु के एक मुस्लिम बहुल इलाके की तुलना पाकिस्तान से करने के बाद विवाद गहरा गया है। इस टिप्पणी को लेकर बवाल मचने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से रिपोर्ट तलब की है।
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच, जिसकी अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे हैं, ने शुक्रवार को हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वह इस मामले में दो दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपें। सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर व्यंकट रमानी और सॉलिसिटर जनरल को भी इस मामले में न्यायालय की सहायता करने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई बुधवार, 25 सितंबर को निर्धारित की गई है।
जस्टिस आनंद की आपत्तिजनक टिप्पणियां
जस्टिस वेदव्यास चार शीशा आनंद की यह टिप्पणी तब सामने आई, जब उन्होंने एक मामले की सुनवाई के दौरान बेंगलुरु के मुस्लिम बहुल इलाके की तुलना पाकिस्तान से की। इसके अलावा, उन्होंने एक महिला वकील पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिससे कानूनी जगत और सामाजिक संगठनों में आक्रोश फैल गया।
यह मामला तब और अधिक तूल पकड़ा, जब जस्टिस आनंद की एक वीडियो क्लिप वायरल हुई, जिसमें वह महिला वकील से कहते दिखे, "आप विपक्षी पार्टी के बारे में काफी ज्यादा जानती हैं," इसके बाद उन्होंने आपत्तिजनक बातें कहीं। इन टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और कार्रवाई की दिशा में कदम बढ़ाए।
हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से मांगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, "हम इस मामले पर कुछ बुनियादी दिशा-निर्देश तय कर सकते हैं।" मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने प्रशासनिक निर्देशों के तहत कर्नाटक हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा, ताकि मामले की गंभीरता को समझा जा सके।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस विवाद में बीजेपी विधायक बसंत गौड़ा पाटल तनालूर का भी नाम सामने आया है। जानकारी के अनुसार, उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव की इंटरफेथ मैरिज पर विवादित बयान देते हुए कहा था, "गुंडू राव के घर में एक पाकिस्तान है, इसलिए राष्ट्रविरोधी बयान देना उनकी आदत है।" यह टिप्पणी भी विवाद का हिस्सा बन गई है।
सुप्रीम कोर्ट अब इस पूरे मामले पर बुधवार को फिर से सुनवाई करेगा, जहां इस विवादास्पद टिप्पणी और उसके प्रभाव पर चर्चा की जाएगी।