आरक्षण भारत से खत्म होना चाहिए या नहीं: जाने खान सर के विचार

हाल ही में, प्रसिद्ध शिक्षाविद खान सर ने आरक्षण के मुद्दे पर अपने विचार साझा किए हैं। उनका कहना है कि आरक्षण एक जटिल और संवेदनशील विषय है, जिसे समझने के लिए गहराई से विचार करने की जरूरत है।

खान सर ने कहा कि भारत में आरक्षण को लेकर दो प्रमुख दृष्टिकोण हैं। एक पक्ष मानता है कि जिन लोगों को आरक्षण मिल रहा है, वे इसे सही मानते हैं, जबकि दूसरा पक्ष जो इसे प्राप्त नहीं कर रहा, इसे गलत मानता है। उन्होंने इस विभाजन को ‘विचारों की सुनने की कमी’ के रूप में वर्णित किया। 

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर आरक्षण वास्तव में गलत होता, तो इसे समाप्त कर दिया जाता। उन्होंने उदाहरण के तौर पर तीन तलाक को लिया, जो कि अब समाप्त हो चुका है। खान सर का तर्क है कि समाज में विभिन्न तबकों के लोग होते हैं, और आरक्षण का उद्देश्य इन तबकों के बीच की विषमताओं को कम करना है।

खान सर ने उल्लेख किया कि आरक्षण का उद्देश्य उन लोगों को अवसर प्रदान करना है, जो पिछड़े हुए हैं और समाज में भेदभाव का सामना कर रहे हैं। उन्होंने केरल के एक ऐतिहासिक कानून का उदाहरण दिया, जिसमें दलित महिलाएं असफलता के कारण सार्वजनिक रूप से नंगे रहने को मजबूर थीं। यह स्थिति एक समय पर अत्यधिक भेदभावपूर्ण थी।

उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संस्कृति में कई सकारात्मक पहलू हैं, लेकिन कुछ कुरीतियाँ भी हैं जो समाज को पीछे की ओर धकेलती हैं। खान सर ने कहा कि आरक्षण एक 'पॉजिटिव डिस्क्रिमिनेशन' है, जो सामाजिक समानता की दिशा में एक कदम है। उन्होंने तर्क किया कि जब तक जाति प्रणाली मौजूद रहेगी, तब तक आरक्षण की आवश्यकता बनी रहेगी।

खान सर ने यह भी उल्लेख किया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 के अनुसार, सरकारी नौकरी में समान अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। वे इस बात पर जोर देते हैं कि आरक्षण गरीबी और अमीरी के आधार पर नहीं, बल्कि समाज के पिछड़े हिस्से को आगे बढ़ाने के लिए है। जो जातियां अभी भी जातिवाद का शिकार हो रही हैं उन्हें जाति के आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए। कुछ जातियां जातिवाद भी नहीं खत्म करना चाहती और आरक्षण को भी खत्म करने की बात करती है, यह पूरी तरह से गलत है। 

खान सर ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का उदाहरण देते हुए कहा कि जाति आधारित भेदभाव की स्थिति आज भी मौजूद है, जिसे केवल आरक्षण के माध्यम से ही सुधारा जा सकता है। उनका तर्क है कि जब तक जाति व्यवस्था बनी रहेगी, तब तक आरक्षण की आवश्यकता बनी रहेगी।

आखिर में, खान सर ने यह स्पष्ट किया कि आरक्षण का उद्देश्य जाति और सामाजिक विषमताओं को खत्म करना है। वे मानते हैं कि जब समाज में समानता स्थापित हो जाएगी, तब आरक्षण की आवश्यकता स्वतः समाप्त हो जाएगी।

Rangin Duniya

ranginduniya.com is a Professional Lifestyle, Health, News Etc Platform. Here we will provide you only interesting content, which you will like very much. We're dedicated to providing you the best of Lifestyle, Health, News Etc, with a focus on dependability and Lifestyle. We're working to turn our passion for Lifestyle, Health, News Etc into a booming online website. We hope you enjoy our Lifestyle, Health, News Etc as much as we enjoy offering them to you.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

INNER POST ADS

Follow Us