उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की एक 29 वर्षीय महिला, शहजादी, जो अबू धाबी की अल बटवा जेल में बंद है, को 20 सितंबर के बाद कभी भी फांसी दी जा सकती है। शहजादी पर चार महीने के एक बच्चे की हत्या का आरोप है, और इस मामले में उन्हें अबू धाबी की अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। इस फैसले के बाद से उनके परिवार में गहरा दुख और चिंता छाई हुई है।
शहजादी के पिता शब्बीर, जो मटौंध थाना क्षेत्र के गोयरा मुगलई गांव के निवासी हैं, ने अपनी बेटी की जान बचाने के लिए भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि शहजादी ने हाल ही में जेल से फोन कर उन्हें सूचित किया कि उसकी फांसी 20 सितंबर के बाद कभी भी हो सकती है। इस खबर के बाद से शब्बीर ने अपनी बेटी की मदद के लिए उच्च अधिकारियों से अपील करना शुरू कर दिया है।
शब्बीर का कहना है कि उन्होंने सोमवार को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ईमेल के जरिए पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की सजा पर पुनर्विचार करने और उसे बचाने की अपील की। उनका दावा है कि शहजादी को गलत तरीके से इस मामले में फंसाया गया है और वह निर्दोष है। उन्होंने बताया कि शहजादी का चेहरा बचपन में जल गया था और वह कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ‘रोटी बैंक ऑफ बांदा’ नामक एक स्थानीय संस्था में काम करती थी।
बांदा की रहने वाली शहजादी को दुबई में 20 सितंबर के बाद फांसी दी जाएगी. शहजादी के माता-पिता ने पीएम मोदी और सीएम योगी से हस्तक्षेप कर बेटी की जान बचाने की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि जालसाजों ने उनकी बेटी शहजादी को फर्जी तरीके से कत्ल के इल्जाम में फंसा दिया है. असल में वह… pic.twitter.com/ZLxdOmKEmA
— Suryakant (@suryakantvsnl) September 2, 2024
शब्बीर ने यह भी बताया कि 2021 में, आगरा निवासी उजैर नामक व्यक्ति से फेसबुक के माध्यम से शहजादी की दोस्ती हुई थी। उजैर ने शहजादी को नवंबर 2021 में इलाज के बहाने दुबई भेजा, जहां उसके चाचा फैज और चाची नाजिया रहते थे। दुबई पहुंचने के बाद, नाजिया ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसकी चार महीने की उम्र में मौत हो गई। शहजादी पर इस बच्चे की हत्या का आरोप लगाया गया और उसे जेल भेज दिया गया।
शब्बीर का कहना है कि शहजादी को 2023 में फांसी की सजा के बारे में जानकारी मिली, और तब से वह लगातार भारत सरकार से अपनी बेटी की जान बचाने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मटौंध थाने में 2024 में शहजादी को दुबई में बेचने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन जांच अधिकारी ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
जांच अधिकारी मोहम्मद अकरम का कहना है कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय है और इसमें कई आरोपियों के बयान दर्ज किए जाने बाकी हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही भारत स्थित दुबई दूतावास से संपर्क किया जाएगा ताकि मामले की जांच आगे बढ़ सके। शब्बीर और उनका परिवार अब उम्मीद कर रहा है कि भारत सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करेगी और शहजादी को फांसी से बचाने के लिए कदम उठाएगी।