मध्य प्रदेश के महू में सेना के दो अधिकारियों और उनकी महिला मित्रों पर हुए हमले के बाद मामले से जुड़े नए खुलासे सामने आए हैं। हमलावर अक्सर बाइक पर इलाके में घूमते रहते थे और ऐसे लोगों की तलाश में रहते थे जिन्हें वह अपना शिकार बना सकें। आरोपियों ने पीड़िता से 10 लाख रुपये की मांग की थी, और जब वह देने में असमर्थ रहीं, तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई।
इस घटना के बाद पीड़िता गहरे सदमे में हैं। "इंडियन एक्सप्रेस" की रिपोर्ट के अनुसार, मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पीड़िता ने अभी तक अपना बयान दर्ज कराने से इनकार कर दिया है। सेना के अधिकारियों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने महिला के साथ दुर्व्यवहार किया और उनके संदेह के अनुसार, महिला के साथ कुछ गंभीर घटना हुई है।
मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि पीड़िता लगातार यही कह रही है कि "या तो आरोपी को गोली मार दो या मुझे मार दो," जो इस बात का संकेत है कि वह गहरे सदमे में हैं। पुलिस ने कहा कि वे आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रहे हैं। इंदौर ग्रामीण की अधीक्षक हितिका वासल ने बताया कि "पीड़िता फिलहाल बयान दर्ज कराने के लिए तैयार नहीं है, और हम उसके ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं।"
अब तक इस मामले में तीन आरोपियों, अनिल, पवन, और रितेश, को गिरफ्तार किया जा चुका है। रितेश को 2019 में हत्या के एक मामले में बरी कर दिया गया था। पुलिस अन्य आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।
घटना के दिन सेना के दो अधिकारी अपनी महिला मित्रों के साथ बुधवार रात 11 बजे जाम गेट के पास सेना की फायरिंग रेंज में गए थे। रात करीब 2.30 बजे 7-8 लोगों के एक समूह ने उन पर लाठी और रॉड से हमला कर दिया। हमलावरों ने 10 लाख रुपये की मांग की और धमकी दी कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की गई, तो वे जान से मार देंगे। एक हमलावर के पास पिस्तौल भी थी। इस दौरान, एक अधिकारी ने चतुराई दिखाते हुए मोबाइल नेटवर्क रेंज में जाकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। उनके सहकर्मियों के पहुंचने तक हमलावर फरार हो चुके थे।
एफआईआर के अनुसार, जब एक अधिकारी और महिला पैसे लाने के लिए गए थे, तो बाकी के लोगों पर हमला किया गया और महिला मित्रों में से एक के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया। गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है, जिसमें अनिल पर पहले भी 2016 में लूट का मामला दर्ज है, जबकि पवन को एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया था।