लखनऊ: देश के पहले कर्नल JAG (जज एडवोकेट जनरल) कपल, अमित कुमार सिंह और उनकी पत्नी अनु, एक गंभीर और चिंताजनक विवाद में फंस गए हैं, जिसने सशस्त्र बलों और आम जनता के बीच हलचल मचा दी है। कर्नल अमित कुमार सिंह, जो लखनऊ के निवासी हैं और शिया कॉलेज से अपनी शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं, ने सेना के कर्नल पद से VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले ली है। जबकि उनकी पत्नी, कर्नल अनु, अभी भी सेना में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
JAG ब्रांच, सशस्त्र सेनाओं में "जज इन यूनिफॉर्म" के रूप में मानी जाती है, जो सेना के भीतर अनुशासन और कानूनी प्रक्रियाओं की देखरेख करती है। इन अधिकारियों की भूमिका सिविल जजों के समान होती है, और उनके फैसले सेना के आंतरिक कार्यों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। कर्नल अमित ने अपने सैन्य करियर में कई महत्वपूर्ण कानूनी मुद्दों पर काम किया है, जिनमें से एक प्रमुख मामला 356 सैन्यकर्मियों के लिए आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) से संबंधित याचिका की ड्राफ्टिंग है, जो उच्चतम न्यायालय में दायर की गई थी।
देश के पहले कर्नल जैग कपल अमित कुमार सिंह और अनु की हालत देखिए.. कर्नल अमित कुमार लखनऊ के रहने वाले हैं और उन्होंने अपनी पढ़ाई भी यहीं शिया कॉलेज से की है. जैग (जज एडवोकेट जनरल ब्रांच) सशस्त्र सेनाओं में आर्मी एक्ट के तहत होने वाली कारवाईयां देखती है.
— Kavish Aziz (@azizkavish) September 12, 2024
जैग में तैनात सेना के… pic.twitter.com/3IJduNv3ll
इसके अलावा, कर्नल अमित ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां में मेजर आदित्य के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में लिटिगेशन के माध्यम से सहायता की थी। उन्होंने सेना में व्याप्त भ्रष्टाचार और अन्य गड़बड़ियों को उजागर करने के प्रयास किए हैं, जिसके चलते उन्हें कई बार विवादों का सामना करना पड़ा है।
कर्नल अमित का दावा है कि भ्रष्टाचार और अन्य खामियों को उजागर करने के कारण सेना के उच्च अधिकारी उनकी पत्नी कर्नल अनु को परेशान कर रहे हैं। हाल ही में, अमित ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि इलाज करवा रही उनकी बीमार पत्नी को सेना के अधिकारियों ने बंधक बना लिया है। यह आरोप सेना और उसके अधिकारियों के प्रति गंभीर सवाल खड़ा करता है।
कर्नल अमित ने केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना का भी विरोध किया है और इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा किए हैं, जिसके बाद उनके कई बयान वायरल हुए हैं।
इस विवाद ने आम जनता और रक्षा विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है। क्या सेना के भीतर इस तरह की समस्याएं हैं, जो अधिकारियों को ऐसी स्थिति में डाल रही हैं? और क्या एक सच्चे सैनिक को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर ऐसी सजा मिलनी चाहिए?
कर्नल अमित ने इस मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि उनके आरोपों की निष्पक्ष जांच हो सके और उनकी पत्नी को न्याय मिले। देश के पहले कर्नल JAG कपल के इस मामले ने सेना के आंतरिक कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं, जिन्हें सुलझाने की तत्काल आवश्यकता है।
यह मामला एक व्यापक जांच और पारदर्शिता की मांग करता है, ताकि देश की सुरक्षा और न्याय प्रणाली में लोगों का विश्वास बना रहे।
(रंगीन दुनिया आपके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे ट्विटर, इंस्टाग्राम, और यूट्यूब से ताज़ा खबरें, वायरल ट्रेंड्स और जानकारी लाता है। ऊपर दी गई पोस्ट सीधे उपयोगकर्ता के सोशल मीडिया अकाउंट से ली गई है और रंगीन दुनिया ने इसकी सामग्री में कोई बदलाव नहीं किया है। सोशल मीडिया पोस्ट में व्यक्त किए गए विचार और जानकारी रंगीन दुनिया की राय नहीं दर्शाते हैं, और इसके लिए रंगीन दुनिया कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है और किसी भी हालत में जिम्मेदार नहीं है।)