गाज़ीपुर: हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व सांसद अफजाल अंसारी ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए गांजा के वैधीकरण की मांग की है। उन्होंने कहा कि लाखों लोग, जिनमें साधु-संत और समाज के अन्य वर्ग शामिल हैं, धार्मिक आयोजनों और अन्य अवसरों पर खुलेआम गांजा पीते हैं। इसके बावजूद, इसे अवैध करार दिया जाता है, जो एक दोहरी नीति का उदाहरण है।
अंसारी ने बताया कि धार्मिक आयोजनों, खासकर महाशिवरात्रि जैसे त्योहारों पर, लोग भगवान शंकर का प्रसाद मानकर गांजा और भांग का सेवन करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर इसे भगवान का प्रसाद माना जाता है, तो फिर इसे अवैध क्यों करार दिया गया है। उनका कहना था, "अगर भगवान शंकर की यह बूटी और प्रसाद है, तो इसे कानून में मान्यता क्यों नहीं दी जाती?" अफजाल अंसारी ने कहा की मठों में गांजा पीते हैं, ‘कुंभ में 1 मालगाड़ी गांजा भेजा जाए तो समाप्त हो जायेगा।
यूपी:गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया !!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) September 26, 2024
अफजाल गांजा को भी सरकार को वैध कर देना चाहिये, क्योंकि बहुत से लोग गांजा पीते हैं- अफजाल अंसारी !!
अफजाल अंसारी ने कहा की मठों में गांजा पीते हैं, ‘कुंभ में 1 मालगाड़ी गांजा भेजा जाए तो समाप्त हो जायेगा !!… pic.twitter.com/20oM44TFRi
अंसारी ने यह भी कहा कि यदि भांग का लाइसेंस दिया जा सकता है, तो गांजा के लिए भी वैधता होनी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि यदि इतने बड़े धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में गांजा का सेवन किया जाता है, तो यह साफ दर्शाता है कि समाज के बड़े वर्ग के लिए यह स्वीकृत है।
इसके साथ ही, अंसारी ने यह भी कहा कि कई लोग गांजा को स्वास्थ्य लाभ से जोड़ते हैं और यह तर्क देते हैं कि इसके सेवन से भूख बढ़ती है और यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि या तो गांजा को वैध कर दिया जाए या फिर इस विषय पर स्पष्ट नीति बनाई जाए ताकि समाज में कोई भ्रम न रहे।
अंसारी के इस बयान के बाद, गांजा के वैधीकरण पर एक नई बहस छिड़ गई है। कई लोग इसे धार्मिक और सामाजिक संदर्भ में स्वीकृति देने की मांग कर रहे हैं, जबकि अन्य लोग इसके दुरुपयोग और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए इसका विरोध कर रहे हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मांग पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या आने वाले समय में गांजा के वैधीकरण पर कोई गंभीर चर्चा होती है या नहीं।