उत्तर प्रदेश के संभल जिले से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक महबूब अली के एक बयान ने राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। विधायक महबूब अली ने मुस्लिम आबादी बढ़ने का जिक्र करते हुए कहा है कि "आने वाले वक्त में सत्ता परिवर्तन होगा और अब हिंदुओं का राज खत्म हो जाएगा।" इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
महबूब अली ने कहा, "मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है और अब प्रतिशत भी बढ़ रहा है। कान में कहेंगे घोला डाल के आएंगे, और आने वाले समय में समझ लो, तुम्हारा राज खत्म हो जाएगा।" उन्होंने आगे कहा कि "इतिहास में मुगलों के शासन के बाद भी मुसलमान सत्ता में नहीं आ पाए थे, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।"
उन्होंने दावा किया कि मुस्लिम समुदाय की बढ़ती संख्या के चलते, भविष्य में भारत की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। अली के अनुसार, "2027 तक मुसलमान सत्ता में आ सकते हैं, और जो अब सत्ता चला रहे हैं, उन्हें इस बदलाव को समझ लेना चाहिए।"
महबूब अली के इस बयान के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों ने इसकी कड़ी निंदा की है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने इसे समाज को बांटने वाला और सांप्रदायिकता फैलाने वाला बयान करार दिया। भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा, "महबूब अली का बयान न केवल विभाजनकारी है, बल्कि यह देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है। उन्होंने जानबूझकर इस तरह के बयान देकर समाज में तनाव फैलाने की कोशिश की है।"
बहुत भयानक धमकी :
— Sudhir Mishra 🇮🇳 (@Sudhir_mish) September 30, 2024
सपा विधायक महबूब अली ने कहा मुस्लिम आबादी बढ़ गयी है, बीजेपी राज समाप्त होगा, अब तुम्हारा क्या होगा?
यह धमकी पिछड़े दलित हिंदुओं को है?
बिजनौर में संविधान सम्मान सभा को संबोधित करते हुए दिया बयान। pic.twitter.com/l0ze1XDo8d
कांग्रेस और बसपा ने भी महबूब अली के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया। विपक्ष के नेताओं ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी से समाज में तनाव बढ़ सकता है और इसे तुरंत रोकने की जरूरत है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव से जब इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने बयान से खुद को अलग कर लिया और कहा कि "सपा किसी भी प्रकार की सांप्रदायिकता को बढ़ावा नहीं देती। हमारी पार्टी की नीति सभी समुदायों को साथ लेकर चलने की है।"
विधायक महबूब अली के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी इसकी कड़ी आलोचना हो रही है। कई लोग इसे समाज में विभाजन और घृणा फैलाने वाला बयान मान रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे राजनीतिक बयानबाजी के रूप में देख रहे हैं।
महबूब अली के विवादित बयान ने देश की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। सांप्रदायिकता और जनसंख्या पर आधारित इस बयान से देश की राजनीति में तनाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। आने वाले समय में इस बयान पर क्या असर पड़ेगा और किस तरह से इसे राजनीतिक दल संभालते हैं, यह देखना बाकी है।