राजस्थान की आईएएस अधिकारी टीना डाबी, जो अपनी प्रशासनिक सेवाओं और समाज सुधार के लिए पहचानी जाती हैं, अब बाड़मेर जिले की कलेक्टर के रूप में काम कर रही हैं। टीना डाबी की नियुक्ति के बाद जिले में साफ-सफाई और प्रशासनिक व्यवस्था में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। टीना डाबी ने स्वच्छता अभियान को प्राथमिकता दी है और खुले में गंदगी और कूड़ा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने यह दिखा दिया है कि यदि उच्च अधिकारी ठान ले, तो क्षेत्र का कायाकल्प संभव है।
जिला कलेक्टर नहीं बाड़मेर की सिंघम बनकर आई टीना डाबी....
— Madhu Singh Gora (@MadhuSinghBmr) September 26, 2024
बाड़मेर की सुरक्षा हो या स्वच्छता हर एंगल पर जमकर काम करती नजर आ रही हैं,गज़ब का साहस और जज़्बा हैं, सबके दिलो में छा रही जिला कलेक्टर #टीना_डाबी
कलक्टर शब्द की वास्तविक परिभाषा का परिचय देती हुई @dabi_tina pic.twitter.com/HwEcnlR5vw
टीना डाबी की नेतृत्व क्षमता और काम करने के जुनून को देखकर लोग उन्हें "बाड़मेर की सिंघम" कहने लगे हैं। स्थानीय लेखक मधु सिंह गोरा ने टीना डाबी की कार्यशैली की तारीफ करते हुए कहा, "वह जिला कलेक्टर नहीं, बल्कि बाड़मेर की सिंघम बनकर आई हैं। स्वच्छता से लेकर सुरक्षा तक, हर पहलू पर टीना डाबी जमकर काम करती नजर आ रही हैं। गजब का साहस और जज्बा है, जिससे वह सबके दिलों में जगह बना रही हैं।"
टीना डाबी के नेतृत्व में बाड़मेर जिले में न केवल स्वच्छता बल्कि अन्य प्रशासनिक गतिविधियों में भी तेज़ी से सुधार हो रहा है। टीना डाबी का खुद घंटों पैदल चलकर निरीक्षण करना और कर्मचारियों के साथ काम करना जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग उन्हें एक ऐसी अधिकारी के रूप में देख रहे हैं जो अपने पद की शक्ति का सही उपयोग करते हुए समाज के लिए बेहतर काम कर रही हैं।
हालांकि, टीना डाबी के सख्त कदमों और काम करने की शैली को लेकर कुछ आलोचना भी हो रही है। दुर्गेश पांडे नामक एक व्यक्ति ने X (पूर्व में ट्विटर) पर टीना डाबी की निंदा करते हुए लिखा, "ये है आरक्षण वाली टीना डाबी, जो आजकल सिंघम बनने और रील बनाने का शौक पाल रही हैं। छोटे दुकानदारों पर रौब दिखा रही हैं और उन्हें धमका रही हैं।" उन्होंने टीना पर आरक्षण के सहारे पद पर पहुंचने का आरोप लगाया और उनके प्रशासनिक फैसलों की आलोचना की।
ये है आरक्षण वाली "टीना डाबी" , जो कल तक गरीब , दलित और शोषित थी। आरक्षण के सहारे पद मिल गया तो अब दबंग बन गई है। लोगो को धमका रही है। आजकल मैडम को सिंघम बनने और रील बनाने का भूत सवार हो गया है।छोटे - छोटे दुकानदारों पे रौब दिखा रही है।जो खुद तो ऐशो - आराम की जिंदगी जीती हो उसे… pic.twitter.com/N06rGjhffM
— Er. Durgesh Pandey (@ErDurgeshPande7) September 26, 2024
टीना डाबी की आलोचना करने वालों का मानना है कि उनके कड़े फैसलों से छोटे दुकानदार और सामान्य नागरिक प्रभावित हो रहे हैं। वहीं, उनके समर्थक और स्थानीय लोग मानते हैं कि टीना डाबी का नेतृत्व बाड़मेर को एक नई दिशा में ले जा रहा है और उनके काम करने की शैली में कोई कमी नहीं है।
समर्थन और आलोचना के बीच, टीना डाबी अपने काम में निरंतर जुटी हैं और बाड़मेर जिले में स्वच्छता एवं प्रशासनिक व्यवस्था को सुधारने के लिए काम कर रही हैं। उनका यह प्रयास एक मिसाल पेश करता है कि यदि अधिकारी सच्चे दिल से काम करें, तो क्षेत्र का समग्र विकास संभव है।