बाड़मेर, 27 सितंबर 2024: देश की चर्चित आईएएस अधिकारी टीना डाबी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि योग्यता जाति की मोहताज नहीं होती। जब समाज में योग्यता पर सवाल उठाए जाते हैं, तब टीना डाबी जैसे अधिकारियों का काम उन सभी के लिए एक करारा जवाब होता है जो प्रतिभा और क्षमता को जाति या पृष्ठभूमि से जोड़ते हैं। एक पिछड़े समाज से आते हुए, उन्होंने अपने कठिन परिश्रम और समर्पण से देश के सबसे प्रतिष्ठित पदों में से एक पर अपनी जगह बनाई है।
बाबा साहेब के बच्चे हो तो रिपोस्ट नहीं रुकना चाहिए जातिवादी लोगों की जड़ें में हिलाती रहूंगी।
— Kamo Meghwal अंबेडकरवादी (@KamoMeghwal666) September 26, 2024
जो लोग योग्यता योग्यता चिलाते हैं तो ias #tinadabi मैम जो पिछड़े समाज से आती है उनको करारा जवाब दे रही है।
योग्यता जाति की मोहताज नहीं है। जब इतने बड़े पद पर कार्य करने का मौका ही नहीं… pic.twitter.com/hAsR29jNDo
आज बाड़मेर में आईएएस टीना डाबी ने सरकारी और निजी अस्पतालों का निरीक्षण कर प्रशासनिक गतिविधियों को तेज़ किया। इस दौरे के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण अनियमितताएं पाई, जिसमें कुछ सरकारी डॉक्टरों के निजी क्लीनिक चलाने की जानकारी मिली। टीना डाबी ने इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए। उनके इस कदम से न केवल चिकित्सा क्षेत्र में बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र में हड़कंप मच गया है।
टीना डाबी के दौरे के दौरान, मीडिया की उपस्थिति के कारण कुछ डॉक्टर अपने निजी क्लीनिक से भागकर सरकारी अस्पतालों में लौट आए। उनके इस एक्शन से सरकारी सेवाओं में कर्तव्यनिष्ठा और पारदर्शिता का संदेश गया है, जो अन्य डॉक्टरों के लिए एक कड़ा संदेश है।
बाड़मेर के लोगों का मानना है कि टीना डाबी के नेतृत्व में अब यह जिला जल्द ही साफ-सुथरा और व्यवस्थित होकर रहेगा। उनकी कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
टीना डाबी के इस प्रयास से न केवल बाड़मेर, बल्कि पूरे देश में यह संदेश गया है कि जब तक ऐसे ईमानदार और सख्त अधिकारी प्रशासन में मौजूद हैं, तब तक जाति या समाजिक पृष्ठभूमि से परे योग्यता ही सबसे ऊपर है।
बाड़मेर की जनता और चिकित्सा सेवा में बदलाव का इंतजार कर रहे लोग अब टीना डाबी के कड़े कदमों को लेकर आशान्वित हैं। उनका उद्देश्य स्पष्ट है— भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता को जड़ से उखाड़ फेंकना।