नई दिल्ली: भारतीय राजनीति में चंद्रशेखर आजाद की स्थिति अब पहले से कहीं अधिक मजबूत होती जा रही है। भिम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने बहुजन समाज के हितों के लिए निरंतर संघर्ष किया है, जो उन्हें राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण नेता बनाता है।
चंद्रशेखर की खास पकड़ जाटव समाज में है, जो उत्तर भारत में सबसे बड़ी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। बहनजी (कांशीराम की विचारधारा) की निष्क्रियता ने चंद्रशेखर को इस समाज का एक प्रमुख नेता बना दिया है।
गैर-जाटव दलित समुदाय, जिसमें वाल्मीकि, धानुक और धोबी जातियाँ शामिल हैं, जो पहले भाजपा के समर्थन में थीं, अब चंद्रशेखर की ओर आकर्षित हो रही हैं। उनके प्रति युवाओं का एकतरफा क्रेज इसे दर्शाता है कि वे एक नई राजनीतिक दिशा की ओर बढ़ रहे हैं।
भारतीय राजनीति में सबसे सुनहरा भविष्य चन्द्रशेखर आजाद का है; कारण 👇
— Priyanshu Kumar (@priyanshu__63) September 21, 2024
चूंकि शुरूआती समय से ही @BhimArmyChief ने बहुजन समाज (Sc+St+Obc+Minorities ) की राजनीति की है और तमाम आरोप प्रत्यारोप के बाद भी अपना पूरा ध्यान इसी पर केंद्रित रखा।
◉ जाटव समाज जो उत्तर भारत में सबसे बड़ी… pic.twitter.com/7qj1jpuUJH
ओबीसी समुदाय, विशेषकर जाट और गुर्जर, चंद्रशेखर की आंदोलनकारी प्रवृत्ति के कारण उनकी ओर झुके हैं। उन्होंने किसान, पहलवान, गुर्जर आंदोलनों और शिक्षक भर्ती जैसे मुद्दों पर उनकी आवाज उठाई है।
मुस्लिम समाज में भी चंद्रशेखर की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। समाज अब यह समझने लगा है कि अखिलेश यादव सिर्फ वोटबैंक की राजनीति करते हैं, जबकि चंद्रशेखर वास्तविक मुद्दों पर लड़ाई लड़ते हैं। चाहे CAA-NRC का मामला हो या हिजाब विवाद, चंद्रशेखर की सक्रियता ने उन्हें मुस्लिम समुदाय में एक विश्वसनीय नेता बना दिया है।
बिना किसी राजनीतिक बैकग्राउंड के, चंद्रशेखर आजाद ने जो राजनीतिक समीकरण बनाए हैं, वे निस्संदेह चौंकाने वाले हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और युवाओं के बीच बढ़ती लोकप्रियता के चलते, आने वाले दस वर्षों में वे देश के शीर्ष नेताओं की सूची में होंगे।
इस प्रकार, प्रियांशु कुमार के अनुसार, चंद्रशेखर आजाद का भविष्य भारतीय राजनीति में सुनहरा है, और उनकी यात्रा को निकट से देखने की आवश्यकता है।