भारत एक ऐसा देश है जहां 550 से अधिक प्रकार के सांप पाए जाते हैं। इनमें से केवल 10 सांप ही जहरीले होते हैं, जैसे कोबरा, रसल वाइपर, करैत, और किंग कोबरा। बाकी 540 सांपों के काटने से कोई नुकसान नहीं होता। लेकिन सांप का डर इतना गहरा होता है कि कई लोग जहर से नहीं, बल्कि हार्ट अटैक से ही मर जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि हम इस डर से बाहर आएं और यह समझें कि सांपों का ज़हर कैसे काम करता है और उसका इलाज क्या हो सकता है।
सांप के काटने के बाद के लक्षण
जब सांप काटता है, तो उसके दो दांतों से जहर हमारे खून में मिल जाता है और यह जहर तीन घंटे में पूरे शरीर में फैलता है। इसका मतलब है कि हमें तीन घंटे का समय मिलता है इलाज के लिए। इसलिए घबराने की जगह, हमें होशियारी से काम लेना चाहिए।
फर्स्ट एड का सबसे सरल तरीका
आपको एक साधारण सिरिंज चाहिए, जिसे आप पुराने इंजेक्शन से निकाल सकते हैं। सिरिंज के आगे की नीडल वाली जगह को काट दें और इसे सांप के काटे हुए स्थान पर रखकर खींचें। इससे वैक्यूम बनेगा और जहर धीरे-धीरे खून के साथ बाहर आ जाएगा। इसे तब तक खींचते रहें जब तक गहरे रंग का खून निकलता रहे। जब खून का रंग सामान्य हो जाए, तो समझ लें कि ज्यादातर जहर निकल चुका है।
नाजा होम्योपैथिक दवा
सांप के जहर से बचाव के लिए एक बेहद सस्ती और प्रभावी दवा है — नाजा 200। यह होम्योपैथिक दवा है और किसी भी होम्योपैथी दुकान से प्राप्त की जा सकती है। नाजा का उपयोग करके सांप के काटने के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस दवा की कुछ बूँदें, 10 मिनट के अंतराल पर तीन बार मरीज की जीभ पर डालें, और यह जहर के प्रभाव को कम करने में मदद करेगी।
ध्यान देने योग्य बातें:
- सांप के काटने पर तुरंत डॉक्टरी सहायता लें, लेकिन अगर डॉक्टरी मदद उपलब्ध नहीं है, तो यह फर्स्ट एड आपके काम आ सकता है।
- हमेशा याद रखें कि भारत में पाए जाने वाले ज्यादातर सांप जहरीले नहीं होते, इसलिए घबराएं नहीं, बल्कि सही जानकारी का उपयोग करके स्थिति को संभालें।
सांप काटने पर जल्द से जल्द सही उपचार शुरू करना महत्वपूर्ण है, और ऊपर दिए गए फर्स्ट एड तरीके से आप मरीज की जान बचा सकते हैं।