लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार पर 69 हजार शिक्षक भर्ती घोटाले के मुद्दे पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया था कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पूर्णरूप से अनुपालन करते हुए नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक इन नियुक्ति पत्रों को जारी नहीं किया गया है, जिससे अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है।
मायावती ने सरकार से इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा, "सरकार को अपने वादों पर अमल करना चाहिए और नियुक्ति पत्रों को जल्द से जल्द जारी करना चाहिए, ताकि उन अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सके जो लंबे समय से इस प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।"
शिक्षकों को यह आश्वासन दिया गया कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का सरकार द्वारा पूर्णरूप से अनुपालन किया जायेगा और उसके तहत नियुक्ति पत्र जारी किये जायेंगे। इस आश्वासन को देने के बाद अभी तक नियुक्ति पत्र जारी ना करना यह उनके साथ अन्याय है। सरकार इस पर अमल करे।
— Mayawati (@Mayawati) September 3, 2024
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब 69 हजार शिक्षक भर्ती में कथित घोटाले के आरोप लगे थे। इस मुद्दे को लेकर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन भी किया है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सरकार को आदेश दिया था कि नियुक्ति पत्रों को शीघ्र जारी किया जाए। इसके बावजूद, सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे अभ्यर्थियों में निराशा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
#69000_शिक्षक_भर्ती_आरक्षण_घोटाला
— NationalJanmat (@NationalJanmat) September 3, 2024
योगी सरकार में मंत्री @ErAshishSPatel व मोदी सरकार में मंत्री @AnupriyaSPatel के लखनऊ स्थित कार्यालय का घेराव करने पहुंचे 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी...भीषण उमस और गर्मी के कारण कई अभ्यर्थियों की हालत खराब...
जिनमें पूजा जायसवाल… pic.twitter.com/19qR9LJzkY
मायावती ने सरकार की इस नीति को गैरजिम्मेदाराना और अभ्यर्थियों के साथ अन्यायपूर्ण करार दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर सरकार अपने वादों पर अमल नहीं करती है, तो बसपा इस मुद्दे को लेकर और भी अधिक मजबूती से आवाज उठाएगी।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रदेश में विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार की नीतियों की आलोचना हो रही है। मायावती के इस बयान से एक बार फिर से शिक्षक भर्ती घोटाले का मुद्दा गर्मा गया है, और सरकार पर इस मामले में तेजी से कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है।