हरिद्वार: नागिना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने हाल ही में एक गंभीर घटना के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने रुड़की के पास एक दिल दहला देने वाली घटना का ज़िक्र किया। उनके अनुसार, वसीम नामक युवक, जो अपनी बहन के घर से लौट रहा था, को पुलिसकर्मियों द्वारा रात में पूछताछ के दौरान बेरहमी से पीटा गया। इस हमले में वसीम के दांत तोड़ दिए गए, और इसके बाद उसे पास के एक तालाब में धकेल दिया गया।
सांसद आज़ाद ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ वसीम को मारपीट की, बल्कि तालाब से बाहर निकलने की कोशिश करने पर उसे रोक दिया और स्थानीय ग्रामीणों को भी गोली मारने की धमकी देकर भगा दिया, जब वे वसीम की मदद के लिए पहुंचे। इस अमानवीय घटना के परिणामस्वरूप वसीम की मृत्यु हो गई।
आज भाई वसीम के परिजनों से मुलाकात कर संवेदनाएँ व्यक्त की।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) September 13, 2024
मैं मुख्यमंत्री @pushkardhami जी से मामले की सीबीआई जाँच कराने और हमारे लोगों पर लगाए गए झूठे मुक़दमे वापिस लेने की माँग करता हूँ अन्यथा 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने को मजबूर हूँ। https://t.co/F3UYhicZAL pic.twitter.com/UuhWtKaQMi
सांसद आज़ाद ने वसीम के परिवार से बात करने के बाद इस घटना को "अकल्पनीय, असहनीय, और अस्वीकार्य" बताया। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मामले का संज्ञान लेने और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने उत्तराखंड के डीजीपी से निष्पक्ष जांच की भी अपील की।
सांसद ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि उन्होंने वसीम के परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की है। इसके साथ ही उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है और आरोप लगाया कि उनके समुदाय के लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो उन्होंने 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने की चेतावनी भी दी है।
यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है और इसे लेकर आम जनता में रोष और चिंता का माहौल है। अब यह देखना बाकी है कि उत्तराखंड सरकार और पुलिस प्रशासन इस घटना पर किस प्रकार की कार्रवाई करता है।