हैदराबाद: चारमीनार क्षेत्र में स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है, जहां ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के अवसर पर आयोजित रैली में हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। नमाजियों ने पुलिस बल के साथ झड़पें की हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन को सुरक्षा स्थिति को संभालने में कठिनाई हो रही है।
स्थानीय समुदाय में चिंता बढ़ रही है कि भाग्यलक्ष्मी मंदिर पर हमले की कोशिशें एक बार फिर तेज हो गई हैं। मंदिर के प्रति बढ़ती आक्रामकता और इसके संरक्षण में कांग्रेस सरकार की विफलता को लेकर हिंदू संगठनों में आक्रोश देखा जा रहा है।
Are they trying to invade Bhagyalakshmi Temple? Their long-standing attempt to uproot this sacred site is evident.
— Abhishek Agarwal 🇮🇳 (@AbhishekOfficl) September 19, 2024
The situation at #Charminar in #Hyderabad is going out of control. The Eid-e-Milad-un-Nabi rally has turned violent—Namazis are pushing the police and smashing… pic.twitter.com/vBPmc6RRcJ
विशेषज्ञों का मानना है कि इस पवित्र स्थल को उखाड़ने का पुराना प्रयास एक बार फिर सामने आ रहा है। स्थानीय हिंदू नेताओं ने इसे एक गंभीर खतरे के रूप में देखा है और उन्होंने अपील की है कि हिंदुओं को एकजुट होकर अपनी विरासत की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण लेकिन शक्तिशाली विरोध प्रदर्शन करना चाहिए।
इस घटनाक्रम ने न केवल स्थानीय निवासियों में तनाव पैदा किया है, बल्कि सुरक्षा बलों के लिए भी चुनौतियां खड़ी की हैं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कई बैरिकेड लगाए हैं, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।
इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए उच्च स्तरीय बैठकें आयोजित की हैं, लेकिन समुदाय के नेताओं का कहना है कि जब तक भाग्यलक्ष्मी मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक असंतोष की लहर जारी रहेगी।
हिंदू संगठनों ने एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एक शांतिपूर्ण मार्च का आयोजन करने का निर्णय लिया है, जो उनकी धार्मिक पहचान और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए आवश्यक है।