नई दिल्ली, 2 सितंबर 2024: कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercises) एक ऐसी सरल और प्रभावी व्यायाम तकनीक है जो पेल्विक फ्लोर मसल्स को मज़बूत करने के लिए की जाती है। ये मसल्स हमारे मूत्राशय, गर्भाशय, छोटी आंत, और मलाशय को समर्थन प्रदान करती हैं। कीगल एक्सरसाइज का महत्व महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए है, खासकर उनके लिए जो मूत्र या मलाशय के नियंत्रण में समस्या का सामना कर रहे हैं।
कीगल एक्सरसाइज करने की विधि:
1. पेल्विक फ्लोर मसल्स की पहचान करें: सबसे पहले, पेल्विक फ्लोर मसल्स की पहचान करना आवश्यक है। जब आप मूत्र त्याग के दौरान उसे रोकने का प्रयास करते हैं, तब आप इन मसल्स को उपयोग में लाते हैं। यही मसल्स कीगल एक्सरसाइज के दौरान सक्रिय की जाती हैं।
2. मसल्स को सिकोड़ें: अब इन मसल्स को धीरे-धीरे सिकोड़ें और 3-5 सेकंड तक इस स्थिति में रखें।
3. रिलैक्स करें: इसके बाद धीरे-धीरे मसल्स को रिलैक्स करें और 3-5 सेकंड का ब्रेक लें।
4. दोहराएं: इस प्रक्रिया को 10-15 बार दोहराएं। इसे दिन में 3-4 बार करें।
कीगल एक्सरसाइज के फायदे:
1. मूत्राशय नियंत्रण में सुधार: कीगल एक्सरसाइज मूत्राशय के कमजोर मसल्स को मजबूत बनाकर मूत्र असंयम (incontinence) की समस्या को कम करने में मदद करती है।
2. प्रसव के बाद महिलाओं के लिए लाभकारी: गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिलाओं के पेल्विक फ्लोर मसल्स कमजोर हो सकते हैं। कीगल एक्सरसाइज इन मसल्स को फिर से मजबूत बनाने में सहायक होती है।
3. यौन स्वास्थ्य में सुधार: इस एक्सरसाइज से पुरुषों और महिलाओं दोनों के यौन स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। यह पुरुषों में शीघ्रपतन और स्तंभन दोष को कम कर सकती है।
4. मलाशय नियंत्रण में सुधार: जो लोग कब्ज या मल त्याग के दौरान समस्या का सामना करते हैं, उनके लिए भी कीगल एक्सरसाइज लाभकारी हो सकती है।
कीगल एक्सरसाइज एक आसान और समय की बचत करने वाली तकनीक है जिसे किसी भी समय और कहीं भी किया जा सकता है। इसे नियमित रूप से करने से कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।