सांकेतिक चित्र
कानपुर: शहर के बाबूपुरवा क्षेत्र में स्थित एक पेट्रोल पंप पर घटतौली का विरोध करना पत्रकारों के लिए भारी पड़ गया। जानकारी के अनुसार, पेट्रोल भराने गए कुछ पत्रकारों ने जब पंप कर्मियों से पेट्रोल की घटतौली पर सवाल उठाया, तो उन्हें बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा गया। घटना के बाद पत्रकारों ने पुलिस से मदद मांगी, लेकिन मामला और बिगड़ गया जब बाबूपुरवा थाना पुलिस ने उल्टा पत्रकारों को ही हिरासत में ले लिया।
सूत्रों के मुताबिक, पत्रकार पेट्रोल पंप पर ईंधन की सही मात्रा न दिए जाने का विरोध कर रहे थे, जिससे पंप कर्मियों और पत्रकारों के बीच तीखी बहस हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि पंप कर्मियों ने पत्रकारों को पकड़कर बुरी तरह से मारपीट की। इसके बाद पत्रकारों ने पुलिस को बुलाया, लेकिन पुलिस के रवैये ने मामले को और पेचीदा बना दिया।
पुलिस पर अभद्रता और गाली-गलौज का आरोप पेट्रोल भराने गए पत्रकारों को कानपुर के बाबूपुरवा क्षेत्र स्थित पेट्रोल पम्प कर्मियों ने घटतौली का विरोध करने पर बंधक बना कर बुरी तरह पीटा। थाना बाबूपुरवा पुलिस उल्टा पत्रकारों को पकड़ कर थाने लाई और करी गाली गलौज और अभद्रता।@HomeDepttUP, @Uppolice, @myogiadityanath, @dgpup
पत्रकारों का आरोप है कि जब वे अपनी शिकायत लेकर बाबूपुरवा थाना पहुंचे, तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनकी बात सुनने के बजाय उन्हें ही दोषी ठहराना शुरू कर दिया। पत्रकारों ने दावा किया कि पुलिस ने उनके साथ गाली-गलौज की और अभद्रता से पेश आई।
इस घटना के बाद कानपुर में पत्रकार समुदाय में भारी आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने न्याय की मांग की है और पुलिस और पेट्रोल पंप कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जांच की मांग
घटना की गंभीरता को देखते हुए पत्रकार संगठनों ने स्थानीय प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि पत्रकारों के साथ इस तरह का व्यवहार न सिर्फ उनके अधिकारों का हनन है, बल्कि यह स्वतंत्र प्रेस के खिलाफ भी है।
अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाता है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।