कन्नौज में एक बलात्कार मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सबूत सामने आया है। फोरेंसिक जांच में पुष्टि हुई है कि यादव का डीएनए सैंपल नाबालिग पीड़िता के डीएनए सैंपल से मेल खाता है। इस डीएनए सैंपल के मिलान से आरोपों की पुष्टि हो गई है, जिससे यादव की कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। पुलिस अब उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही है, जो नाबालिगों के यौन शोषण से संबंधित अपराधों के लिए लागू होता है।
यह घटना 11 अगस्त की रात को हुई थी, जब यादव ने कथित तौर पर नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया। हमले के बाद, पीड़िता ने तुरंत पुलिस को सूचित करने के लिए 112 नंबर डायल किया। पुलिस की 112 टीम और स्थानीय कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। जब पुलिस वहां पहुंची, तो पीड़िता की बुआ भी वहां मौजूद थी, जिसे पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।
पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और उसके परिवार की सहमति से पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया। मेडिकल परीक्षण में बलात्कार की पुष्टि हुई, जिसके बाद यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में पीड़िता की बुआ को भी सह-आरोपी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि बुआ ही नाबालिग को लखनऊ से यादव के कॉलेज, कन्नौज में लेकर आई थी, जहां यह अपराध हुआ। घटना के समय बुआ कमरे के बाहर मौजूद थी, लेकिन पीड़िता की मदद नहीं की, जब उसने आवाज लगाई थी। अब दोनों, यादव और बुआ को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पूछताछ के दौरान, पीड़िता की बुआ ने खुलासा किया कि वह यादव को 5-6 साल से जानती है और उनके साथ शारीरिक संबंध भी थे। प्रारंभ में, उसने पुलिस जांच को गुमराह करने की कोशिश की और कहा कि यादव को सपा के कुछ ब्राह्मण नेताओं द्वारा फंसाया जा रहा है।
इस मामले से संबंधित एक और घटना में, अधिकारियों ने यादव के एक करीबी रिश्तेदार की अवैध संपत्ति पर कार्रवाई की। तिर्वा में स्थित बांके बिहारी कोल्ड स्टोरेज की बाउंड्री वॉल, जो 450 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर बनी थी, को गिरा दिया गया। पहले उसे अवैध कब्जा हटाने के लिए सात दिन का नोटिस दिया गया था, लेकिन कब्जा नहीं हटाए जाने पर कुछ ही मिनटों में कोल्ड स्टोरेज की दीवार को ढहा दिया गया।