मिर्जापुर जिले के कछवां क्षेत्र में एक हृदयविदारक घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। बजहा गांव में रहने वाले 10 वर्षीय दलित बालक अंशू उर्फ गोलू की निर्मम हत्या कर दी गई। हत्या के आरोप में हिमांशु उर्फ सूर्या उपाध्याय को गिरफ्तार किया गया है, जिसने बालक पर क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि अंशू के शरीर पर 17 बार चाकुओं से वार किया गया और फावड़े से भी हमला किया गया। इस हमले में उसकी पसली की चार हड्डियाँ भी टूट गई थीं।
रविवार को घटित इस भयानक अपराध में हिमांशु ने पहले अंशू के पीठ, सीने, पेट और गले पर एक के बाद एक चाकुओं से वार किया। इतने पर भी वह नहीं रुका, उसने फावड़े से बालक के गले पर हमला किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इस निर्मम हत्या के पीछे की भयावहता को उजागर किया, जिससे अधिकारी भी कांप उठे। रिपोर्ट में साफ तौर पर बताया गया कि हमले का इरादा बालक की हत्या करना ही था, क्योंकि शरीर के कई हिस्सों पर गहरे जख्म थे और पसलियों को तोड़ने तक की कोशिश की गई थी।
इस घटना से पूरे गांव में डर और आक्रोश का माहौल है। अंशू की निर्दयता से की गई हत्या ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हिमांशु उर्फ सूर्या उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में हिमांशु ने अपने अपराध को स्वीकार किया है, लेकिन हत्या के पीछे के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस घटना के पीछे कोई अन्य साजिश तो नहीं थी।
स्थानीय लोग इस नृशंस हत्या से सदमे में हैं और आरोपित को सख्त सजा की मांग कर रहे हैं। अंशू के परिवार के लिए यह एक अकल्पनीय त्रासदी है, जिसने उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया है। अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले में न्याय सुनिश्चित किया जाएगा और दोषी को कठोरतम सजा दी जाएगी।
यह घटना समाज में व्याप्त असहिष्णुता और हिंसा के बढ़ते स्तर को दर्शाती है, जो अत्यंत चिंताजनक है। पुलिस ने कहा है कि वे इस केस की गहराई से जांच करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे कृत्यों को अंजाम देने वालों को कड़ी सजा मिले।