मणिपुर में उग्रवादियों की हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे राज्य के हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। ताजा घटनाक्रम में शनिवार को जिरीबाम में कुकी उग्रवादियों ने 63 वर्षीय एक मैतेई बुजुर्ग को उनके घर में घुसकर गोली मार दी। यह घटना जिरीबाम पुलिस स्टेशन से महज एक किलोमीटर की दूरी पर हुई। माना जा रहा है कि कुकी उग्रवादी, सुरक्षा बलों द्वारा उनके तीन बंकर नष्ट करने से नाराज थे, जिसके बाद इस हिंसक घटना को अंजाम दिया गया।
इस हत्या से गुस्साए मैतेई समुदाय के हथियारबंद लोगों ने कुकी बहुल गांवों पर हमला बोल दिया और उग्रवादियों के बंकरों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। इस संघर्ष में दोनों पक्षों के बीच भीषण गोलीबारी हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों में तीन कुकी उग्रवादी थे, जबकि एक की पहचान मैतेई समुदाय के सदस्य के रूप में हुई है।
यह हिंसा उस समय हो रही है जब मैतेई और हमार समुदायों के बीच शांति वार्ता चल रही है। हाल ही में 1 अगस्त को असम के कछार जिले में सीआरपीएफ कैंप में दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी। इसमें जिरीबाम जिला प्रशासन के अलावा हमार, मैतेई, थाडौ, पैइट और मिजो समुदायों के सदस्य शामिल हुए थे। हालांकि, जिरीबाम के बाहर रह रहे हमार समुदाय के कुछ लोग इस समझौते के खिलाफ हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव बना हुआ है।
जिरीबाम, चूराचांदपुर और बिष्णुपुर में वर्तमान में तनाव का माहौल बना हुआ है। आईजीपी इंटेलिजेंस के. कबीब ने बताया कि उग्रवादी पहाड़ी इलाकों से लंबी दूरी के रॉकेट दाग रहे हैं। इन हमलों की निगरानी के लिए सैन्य हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं। इंफाल में मणिपुर राइफल्स के मुख्यालय पर हमला कर हथियार लूटने की कोशिश भी की गई, हालांकि उग्रवादी इसमें सफल नहीं हो सके।
उग्रवादी अब ड्रोन और रॉकेट का उपयोग कर रहे हैं, जिससे मैतेई और कुकी बहुल जिलों के सीमांत क्षेत्र नया युद्ध क्षेत्र बन गए हैं। 'ग्राम रक्षा स्वयंसेवक' के नाम पर हथियारबंद उग्रवादी जिलों की सीमाओं पर मात्र 50 मीटर की दूरी पर तैनात हैं। राज्य में ड्रोन हमलों को रोकने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय भी उग्रवादियों के हाथ ड्रोन बम और रॉकेट लॉन्चर लगने की घटनाओं को गंभीरता से ले रहा है।
कुकी संगठनों ने ताजा हिंसा के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की एक कथित लीक ऑडियो क्लिप को जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें सीएम की हिंसा में संलिप्तता बताई गई थी। इसके खिलाफ कुकी संगठनों ने शनिवार को बंद का आह्वान किया था, हालांकि सरकार ने इस ऑडियो को फर्जी करार दिया है।
मणिपुर में जारी इस उग्रवादी संघर्ष ने राज्य की शांति को गहरा आघात पहुंचाया है। केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से जल्द ही सख्त कदम उठाए जाने की उम्मीद है ताकि क्षेत्र में शांति बहाल हो सके।