उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के जेठवारा थाना क्षेत्र के रामपुर कलवारी गांव में एक अमानवीय घटना सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना में तीन व्यक्तियों—विजय सिंह, शिव मिश्रा और आदर्श पांडे—पर आरोप है कि उन्होंने एक यादव युवक, उज्जवल यादव, को जूता और थूक चाटने पर मजबूर किया और बेरहमी से उसकी पिटाई की। इस घटना ने न केवल क्षेत्र में तनाव पैदा किया है, बल्कि समाज के भीतर फैले जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न की सच्चाई को भी उजागर किया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना जेठवारा थाना क्षेत्र के रामपुर कलवारी गांव की है, जहां उज्जवल यादव को आरोपियों ने जातिगत उत्पीड़न का शिकार बनाया। उसे न सिर्फ जानवरों की तरह पीटा गया, बल्कि जूते और थूक चाटने के लिए मजबूर भी किया गया। पीड़ित उज्जवल के पिता ने कहा कि उनका बेटा मानसिक तनाव में था और आत्महत्या करने की सोच रहा था। उन्होंने इस अमानवीय घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की और मांग की कि ऐसा कृत्य किसी अन्य के साथ न हो।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद से सोशल मीडिया पर भारी विरोध हो रहा है। विभिन्न संगठनों और नेताओं ने पुलिस से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। यादव समुदाय के लोग इस घटना के विरोध में आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस और स्थानीय प्रशासन पर दबाव है कि वे इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। सवाल उठ रहा है कि आरोपियों की गिरफ्तारी होगी या फिर उन्हें राजनैतिक संरक्षण मिलेगा।
मामला UP के प्रतापगढ़ जिले के जेठवारा थाना अंतर्गत रामपुर कलवारी का है। इस #यादव लड़के को #ब्राह्मणों द्वारा जूते चाटने और थूक चाटने पर मजबूर किया गया।
— Aniruddh Singh Vidrohi (@MandalArmyCheif) September 19, 2024
विजय सिंह, शिव मिश्रा और आदर्श पाण्डेय के द्वारा इस यादव लड़के से जूता चटवाया और इस युवक को जानवर की तरह पीटा गया है.
प्रदेश… pic.twitter.com/lsGRqOJfff
जातिगत भेदभाव पर समाज में आक्रोश
यह घटना समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न की एक कड़वी सच्चाई को दर्शाती है। मनुवाद और सामंतवाद का असर प्रदेश में चरम पर है, और पिछड़े, दलित, और अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचारों की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इस घटना के बाद यादव समाज ने चेतावनी दी है कि अगर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे प्रतापगढ़ में बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।
सवाल—क्या मिलेगा न्याय?
विजय सिंह, शिव मिश्रा और आदर्श पांडे के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। इस घटना ने पुलिस और प्रशासन के सामने एक कठिन चुनौती खड़ी कर दी है। सवाल यह है कि क्या दोषियों को उनके कृत्य की सजा मिलेगी, या फिर राजनीतिक प्रभाव के चलते मामला दबा दिया जाएगा?
यादव समाज और अन्य जातिगत संगठनों ने साफ कर दिया है कि वे न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और आवश्यकता पड़ने पर सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
प्रतापगढ़ की इस घटना ने समाज में जातिगत विभाजन और उत्पीड़न के सवालों को फिर से केंद्र में ला दिया है। प्रशासन की भूमिका अब महत्वपूर्ण है—क्या वे आरोपियों को सजा दिलाने में सफल होंगे, या फिर समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव को और हवा मिलेगी?
यह घटना न सिर्फ न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज में जातिगत असमानता के गहरे जख्मों को भी उजागर करती है।