अयोध्या। हाल ही में हुए एक दलित लड़की के साथ बलात्कार के मामले को लेकर सियासी हलचल बढ़ गई है। 2 सितंबर की इस दर्दनाक घटना के बाद, समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद, पीड़ित से मिलने के उद्देश्य से शनिवार रात उनके घर पहुंचे, लेकिन पीड़ित परिवार ने सांसद से मिलने से साफ इंकार कर दिया और तीखी प्रतिक्रिया जताई।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद, जो अयोध्या से सांसद हैं, रात के अंधेरे में अपने समर्थकों के साथ पीड़िता के घर पहुंचे थे। परिवार वालों ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई कि सांसद इतने गंभीर मामले में उनसे मिलने के लिए रात में क्यों आए हैं। परिवार के लोगों ने घर के बाहर ही सपा सांसद का रास्ता रोक लिया और सवाल किया, “रात के अंधेरे में क्यों मिलने आए हैं?”
परिवार के आक्रोशित प्रतिक्रिया के बाद गांव के अन्य लोग भी धीरे-धीरे मौके पर जुटने लगे और सांसद का विरोध करना शुरू कर दिया। 10 मिनट तक मौके पर खड़े रहने के बाद, लगातार विरोध को बढ़ते देख सपा सांसद को उल्टे पांव लौटना पड़ा।
रात के अंधेरे में सपा सांसद अवधेश, आरोपी शाहबाज के पक्ष में बात करने पहुंचे, परंतु पीड़िता के परिवार ने मिलने से मना किया। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया!
— Prabhakar Singh Parihar प्रभाकर सिँह परिहार (@IPrabhakarSP) September 8, 2024
अब इस पर .@yadavakhilesh की क्या प्रतिक्रिया होगी? #लाल_टोपी_काले_कारनामे pic.twitter.com/eStAtniFK8
घटना का पृष्ठभूमि
2 सितंबर को अयोध्या के एक गांव में दलित लड़की के साथ रेप की घटना सामने आई थी, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। इस मामले में मुख्य आरोपी शाहबान को 5 सितंबर को पुलिस ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि जब घटना के बाद वे न्याय की मांग कर रहे थे और मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस थाने के चक्कर लगा रहे थे, तब कोई राजनीतिक हस्ती उनकी मदद के लिए नहीं आई। लेकिन अब, जब आरोपी गिरफ्तार हो चुका है, तब सांसद उनसे मिलने आए हैं। परिवार के लोगों ने सांसद पर नाराजगी जताते हुए कहा, “हम मुकदमा दर्ज कराने के लिए भटकते रहे, लेकिन आप अब हमारी खैरियत पूछने आए हैं?”
राजनीतिक प्रतिक्रिया और स्थानीय तनाव
सपा सांसद का इस तरह रात में आना और पीड़ित परिवार से मुलाकात की कोशिश करना गांव के लोगों को रास नहीं आया। घटना के बाद से इलाके में तनाव बढ़ गया है, और राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की इस घटना पर प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है।
सपा सांसद का परिवार द्वारा इस तरह विरोध का सामना करना उनकी पार्टी के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है। यह घटना न केवल समाज में व्याप्त आक्रोश को दर्शाती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि आम लोग नेताओं की संवेदनशीलता और समयबद्धता पर अब सवाल उठाने लगे हैं।
इस घटना से राजनीतिक नेताओं के प्रति जनता के बढ़ते असंतोष और अविश्वास की झलक मिलती है, खासकर जब बात दलित और कमजोर वर्गों के न्याय की आती है।