अनिरुद्धाचार्य का बयान 'श्रीकृष्ण का विवाह उज्जैन में हुआ, इसलिए भगवान शिव, कृष्ण के साले लगते हैं' से मथुरा के संतो में भारी आक्रोश, इसके बाद....

मथुरा, 7 सितंबर: प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य द्वारा उज्जैन का संदर्भ देते हुए दिए गए एक कथित विवादित बयान ने संत समाज में आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। अनिरुद्धाचार्य ने अपने प्रवचन के दौरान भगवान शिव और भगवान श्रीकृष्ण को लेकर एक टिप्पणी की, जिसने धार्मिक जगत में हलचल मचा दी है। मथुरा के संतों ने इस बयान की निंदा करते हुए कथावाचक पर गंभीर आरोप लगाए और उनके प्रवचनों को बंद कराने की मांग की है। 

 विवादित बयान और संतों की प्रतिक्रिया

अनिरुद्धाचार्य ने 3 सितंबर को एक निजी टीवी चैनल पर कथा के दौरान उज्जैन का जिक्र करते हुए कहा, "उज्जैन श्रीकृष्ण का ससुराल है, ऐसे में शिव उनके साले हुए।" इस कथन पर मथुरा के संतों ने कड़ी आपत्ति जताई है। संतों का कहना है कि सनातन धर्म के शास्त्रों में ऐसा कोई संदर्भ नहीं है, जिससे यह सिद्ध हो कि भगवान शिव को भगवान श्रीकृष्ण का साला कहा जा सके। 

मथुरा के परम ज्ञान आश्रम पटलोनी के महंत प्रवेशानंद पुरी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अनिरुद्धाचार्य को शास्त्रों का ज्ञान नहीं है, उनके प्रवचन बंद कराए जाने चाहिए। ऐसे वक्तव्य सनातन धर्म में भ्रम और कुरीतियों को बढ़ावा दे रहे हैं।" 

शनिवार को मथुरा के डीएम कार्यालय में 100 से अधिक संत एकत्रित हुए और कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। संत समाज का कहना है कि अनिरुद्धाचार्य की कथित मनगढ़ंत बातें सनातन धर्म के अनुयायियों को गुमराह कर रही हैं।

 

अनिरुद्धाचार्य ने मांगी माफी

संतों के विरोध और ज्ञापन के बाद, अनिरुद्धाचार्य ने अपनी कथनी को लेकर एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने संत समाज से माफी मांगी। उन्होंने कहा, "मैंने संतों की वाणी सुनी। अगर मेरी वाणी से संतों का दिल दुखा है, तो यह भगवान का दिल दुखाना है। संत भगवान का ही पर्याय हैं। मैं उनके चरणों में सिर रखकर क्षमा मांगता हूं।"

उन्होंने आगे कहा, "अगर भगवान शिव के बारे में कुछ कहा गया है, तो वह मेरी जानकारी में नहीं है। भगवान शिव हम सबके आराध्य हैं और हरि तथा हर के बीच भेदभाव करना पाप है। मैं आप सबका दास हूं, मुझे क्षमा करें।"

 संत समाज का आरोप और मांग

ब्रज क्षेत्र के परम ज्ञान आश्रम के महंत प्रवेशानंद पुरी ने अनिरुद्धाचार्य के प्रवचनों पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, "अनिरुद्धाचार्य ने शास्त्रों का अपमान किया है और भगवान शिव के बारे में गलत बयान दिया है। आजकल कथावाचक शास्त्रों पर आधारित नहीं, बल्कि मनगढ़ंत कहानियों पर प्रवचन कर रहे हैं। इससे सनातन धर्म में भ्रम और कुरीतियां फैल रही हैं।" 

महंत ने यह भी कहा कि ऐसे कथावाचकों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए, जिनके पास शास्त्रों का ज्ञान नहीं है और जो जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने अनिरुद्धाचार्य को चुनौती दी कि यदि उन्हें शास्त्रार्थ करना है, तो वह संत समाज के सामने करें, लेकिन जनता को भ्रमित करना धर्म का अपमान है।

इस विवाद के बाद सनातन धर्म के अनुयायियों में इस मामले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कई लोग संत समाज का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ अनिरुद्धाचार्य के माफी मांगने के बाद उन्हें क्षमा करने के पक्ष में हैं। 

Rangin Duniya

ranginduniya.com is a Professional Lifestyle, Health, News Etc Platform. Here we will provide you only interesting content, which you will like very much. We're dedicated to providing you the best of Lifestyle, Health, News Etc, with a focus on dependability and Lifestyle. We're working to turn our passion for Lifestyle, Health, News Etc into a booming online website. We hope you enjoy our Lifestyle, Health, News Etc as much as we enjoy offering them to you.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

INNER POST ADS

Follow Us