सांप काटते ही इस पौधे को घिसकर लगा दो, उतर जाएगा ज़हर – आयुर्वेदिक उपचार पर एक नज़र

 


8 सितंबर 2024: भारत के ग्रामीण इलाकों में, सांप के काटने की घटनाएं बेहद आम हैं। हालांकि आधुनिक चिकित्सा में ज़हर के उपचार के लिए एंटीवेनम उपलब्ध है, लेकिन कई जगहों पर लोगों का विश्वास पारंपरिक औषधियों और आयुर्वेदिक नुस्खों पर अभी भी कायम है। एक ऐसा ही प्रसिद्ध घरेलू नुस्खा है - *प्लांट बेस्ड हर्बल मेडिसिन* या जड़ी-बूटी जिसे सांप के काटने के तुरंत बाद लगाया जाता है। 

 कौन सा पौधा है ये?

प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, जिस पौधे का उपयोग किया जाता है उसे 'नागफनी' या 'आक' के नाम से जाना जाता है। यह पौधा भारत के कई हिस्सों में पाया जाता है और आयुर्वेद में इसके कई औषधीय गुण बताए गए हैं। सांप के काटने के बाद इस पौधे की पत्तियों को घिसकर प्रभावित स्थान पर लगाने से ज़हर को बेअसर करने की बात कही जाती है। 

यह प्रक्रिया कैसे काम करती है?

ग्रामीण और पारंपरिक चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि नागफनी या आक के पौधे की पत्तियों को घिसकर काटे गए स्थान पर लगाने से ज़हर का प्रभाव कम हो जाता है। इसमें उपस्थित प्राकृतिक रसायन जहरीले तत्वों को निष्क्रिय करने की क्षमता रखते हैं। इसे सीधे प्रभावित हिस्से पर लगाया जाता है और इसके बाद आराम देने वाले परिणाम की उम्मीद की जाती है।

आयुर्वेदिक चिकित्सा के लाभ

इस नुस्खे की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण यह है कि यह पौधा आसानी से उपलब्ध है और इसे ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से तुरंत प्रभावी माना जाता है। इसके अलावा, यह नुस्खा सस्ता और सरल है। हालाँकि यह विधि वैज्ञानिक रूप से पूरी तरह प्रमाणित नहीं है, फिर भी इसे पारंपरिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा के एक हिस्से के रूप में देखा जाता है। 

आधुनिक चिकित्सा का दृष्टिकोण

आधुनिक चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि सांप के काटने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेना सबसे ज़रूरी है। हालांकि जड़ी-बूटियों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में प्रचलित है, लेकिन वैज्ञानिक प्रमाणों के अभाव में यह उपचार खतरनाक हो सकता है। एंटीवेनम और अन्य आधुनिक उपचार ही सांप के काटने के प्रभाव से बचने के सबसे प्रभावी तरीके हैं। 

सांप के काटने की घटनाओं में, आयुर्वेदिक नुस्खों और पारंपरिक औषधियों का महत्व भले ही सांस्कृतिक रूप से गहरा हो, लेकिन जीवन बचाने के लिए आधुनिक चिकित्सा का सहारा लेना सर्वोपरि है। इस पौधे का उपयोग हालांकि एक वैकल्पिक उपाय के रूप में किया जा सकता है, लेकिन इसे मुख्य इलाज न मानते हुए तत्काल चिकित्सा सहायता लेना आवश्यक है।

लेख: आयुर्वेद विशेषज्ञों और आधुनिक चिकित्सकों की जानकारी के आधार पर।

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