लखनऊ - महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने हाल ही में एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि पिछड़े वर्ग के हक-अधिकार यादव समाज और एससी-एसटी वर्ग के अधिकार जाटव समाज की वजह से ही सुरक्षित हैं। उन्होंने अपने बयान में इन दोनों समाजों की संघर्षशीलता और जागरूकता की सराहना की है, जो अपने अधिकारों के प्रति सदियों से जागरूक और संघर्षरत रहे हैं।
केशव देव मौर्य ने आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आरएसएस ने षड्यंत्र के तहत पिछड़े समाज को यादव समाज से लड़ाने की कोशिश की है। अब वही षड्यंत्र एससी-एसटी वर्ग को जाटव समाज से लड़ाने का है, जिसके लिए आरक्षण बंटवारे का 'लॉलीपॉप' दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, "आरएसएस जानता है कि यादव समाज और जाटव समाज के अलावा अन्य कोई दलित या पिछड़ा समाज उनसे मुकाबला नहीं कर सकता। इसलिए वे हमें आपस में लड़ाकर बांटना चाहते हैं।"
तुम्हारी चाल समझ रहे हैं चाटुकार!#इंदिरा_गाँधी_स्टेडियम_चलो pic.twitter.com/CAL0XxT9CD
— ShivRaj Yadav (@shivaydv_) September 10, 2024
मौर्य ने यह भी चेतावनी दी कि यदि दलित और पिछड़े समाज के लोग आरएसएस के इस जाल में फंस गए और आपस में बिखर गए, तो संघ सभी को बारी-बारी गुलाम बना लेगा। उन्होंने कहा कि आरक्षण को छीनना तो दूर की बात है, अगर हम बिखरे तो अपने अधिकारों की लड़ाई कमजोर कर देंगे।
इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर उन वर्गों के बीच जो सामाजिक न्याय और आरक्षण के मुद्दों पर संघर्षरत हैं। मौर्य के इस बयान को कई लोग आरएसएस की नीतियों के खिलाफ खुला विरोध मान रहे हैं, जबकि उनके समर्थक इसे पिछड़े और दलित समाज के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी के रूप में देख रहे हैं।
आरएसएस और भाजपा की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह बयान निश्चित रूप से सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करने वाला है।
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