वाराणसी, 13 सितंबर 2024 – वाराणसी की एक सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले से जुड़े एक अहम फैसले में हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी, जिसमें व्यासजी तहखाने की छत पर नमाजियों की एंट्री रोकने और तहखाने की मरम्मत कराने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि तहखाने में चल रही पूजा यथावत जारी रहेगी, लेकिन नमाजियों को तहखाने की छत पर जाने से रोकने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया जाएगा।
हिंदू पक्ष की दलीलें:
हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि तहखाने की छत कमजोर है और इसके पिलर काफी पुराने हैं, जिससे किसी दुर्घटना की संभावना बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर तहखाने की मरम्मत कराना आवश्यक है और नमाजियों को वहां जाने से रोका जाना चाहिए ताकि छत को कोई नुकसान न हो।
मुस्लिम पक्ष की प्रतिक्रिया:
मुस्लिम पक्ष ने इस दावे का विरोध करते हुए कहा कि छत इतनी कमजोर नहीं है कि वहां किसी के जाने से उसे क्षति पहुंचेगी। उन्होंने कोर्ट में बताया कि सालों से वे तहखाने की छत पर नमाज अदा करते आ रहे हैं और इस दौरान कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई है।
कोर्ट का निर्णय:
सिविल जज सीनियर डिवीजन ने हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि तहखाने की छत और संरचना की स्थिति ऐसी नहीं है कि नमाज अदा करने से कोई खतरा हो। साथ ही, कोर्ट ने तहखाने की मरम्मत कराने की मांग को भी निरस्त कर दिया। इसके साथ ही, व्यासजी तहखाने में चल रही पूजा को यथावत जारी रखने की अनुमति दी गई है, और किसी भी धार्मिक गतिविधि में कोई रुकावट नहीं डाली जाएगी।
यह फैसला ज्ञानवापी परिसर के धार्मिक विवाद के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जहां लंबे समय से हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच कई मुद्दों को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है।