नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की नारकोटिक्स सेल ने बुधवार को एक दुदांत सीरियल किलर डॉ. देवेंद्र शर्मा को बापरौला इलाके से गिरफ्तार कर लिया है। डॉ. शर्मा, जो अलीगढ़ का निवासी और एक आयुर्वेदिक डॉक्टर है, पर 50 से अधिक टैक्सी और ट्रक ड्राइवरों की हत्या का आरोप है। हालांकि, पुलिस का मानना है कि असली संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है, क्योंकि उसके खिलाफ कई राज्यों—दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में हत्या के मामले दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, उसने लगभग 100 हत्याओं के बाद गिनती छोड़ दी थी।
डॉ. देवेंद्र शर्मा को 'डॉक्टर डेथ', 'सीरियल किलर' और 'हरियाणा का जल्लाद' जैसे नामों से जाना जाता है। उसकी आपराधिक गतिविधियों का दायरा सिर्फ हत्याओं तक ही सीमित नहीं था, बल्कि वह एक अवैध किडनी रैकेट का भी हिस्सा था। पुलिस का कहना है कि उसने अब तक 125 से अधिक किडनियां निकालकर उनका अवैध रूप से ट्रांसप्लांट किया है। जयपुर पुलिस उसे पैरोल जंपिंग के मामले में भी तलाश कर रही थी।
गिरफ्तारी कैसे हुई?
अपराध शाखा के डीसीपी डॉ. राकेश पावरिया के मुताबिक, नारकोटिक्स सेल को 28 जुलाई को सूचना मिली थी कि सीरियल किलर देवेंद्र कुमार शर्मा दिल्ली के बापरौला इलाके में छिपा हुआ है। इसके बाद सेल ने 62 वर्षीय डॉ. शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, वह बापरौला में एक विधवा से शादी कर वहां छिपकर रह रहा था। जब दिल्ली पुलिस ने जयपुर पुलिस से जानकारी साझा की, तो डॉ. शर्मा ने अपने अपराधों की स्वीकारोक्ति कर दी। अब जयपुर पुलिस उसे लेने के लिए दिल्ली आने की तैयारी कर रही है।
डॉक्टर डेथ' की निर्ममता
पुलिस की जांच के अनुसार, डॉ. देवेंद्र शर्मा हर 10 दिन में एक कत्ल करता था। वह मुख्य रूप से ट्रक और टैक्सी ड्राइवरों को निशाना बनाता था। उनकी हत्या के बाद, वह उनके शवों को कासगंज स्थित हजारा नहर में फेंक देता था, जहाँ मगरमच्छ शवों को नष्ट कर देते थे ताकि कोई सबूत न बचे। इसके बाद, वह ट्रकों और टैक्सियों को बेच देता था या उन्हें मेरठ में कटवा देता था। एक टैक्सी के बेचने या कटवाने पर उसे 20 से 25 हजार रुपये मिलते थे।
यह मामला पुलिस के लिए बेहद संवेदनशील है, क्योंकि डॉ. शर्मा की अपराध की गतिविधियां कई राज्यों में फैली हुई हैं। उसकी गिरफ्तारी ने एक बार फिर समाज को झकझोर कर रख दिया है, और पुलिस अब उसकी पूरी आपराधिक गतिविधियों का पर्दाफाश करने में जुटी है।