झारखंड में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक महत्वाकांक्षी 'परिवर्तन यात्रा' की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। यह यात्रा हेमंत सोरेन की सरकार के खिलाफ जन जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित की जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 20 सितंबर को साहिबगंज के भोगनाडीह से इस यात्रा का उद्घाटन किया। भाजपा की यह यात्रा 20 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगी, जिसमें विभिन्न संभागों में छह यात्रा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। भाजपा का उद्देश्य झामुमो-कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार की विफलताओं को उजागर करना और आगामी विधानसभा चुनावों में इस सरकार को उखाड़ फेंकना है।
भाजपा की 'परिवर्तन यात्रा' का उद्देश्य
भाजपा की 'परिवर्तन यात्रा' का मुख्य उद्देश्य झारखंड के नागरिकों के बीच जागरूकता फैलाना और सरकार के कार्यों की कमियों को उजागर करना है। पार्टी का दावा है कि झामुमो-कांग्रेस सरकार ने राज्य की जनता को 'खून के आंसू' रोने पर मजबूर कर दिया है। भाजपा ने इस यात्रा को लेकर नारा दिया है, "न सहेंगे, न कहेंगे, बदलकर रहेंगे," जो राज्य में सत्ता परिवर्तन के लिए एक मजबूत संकल्प को दर्शाता है।
जोहार साथियों!
— Babulal Marandi (@yourBabulal) September 19, 2024
झामुमो-कांग्रेस के ठगबंधन की महाभ्रष्ट और जनविरोधी सरकार ने जनता को खून के आंसू रोने पर मजबूर कर दिया है।
दलाल-माफिया, भ्रष्ट अधिकारियों और बांग्लादेशी घुसपैठियों के तुष्टिकरण में लीन परिवारवादी ताकतों के साथ मिलकर हमारी रोटी-बेटी-माटी की लूट मचा रहे हैं।
अब,… pic.twitter.com/JcxZUYY6HF
यात्रा का विस्तार और मार्ग
भाजपा की 'परिवर्तन यात्रा' 24 जिलों के सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में 5,400 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यात्रा का आयोजन झारखंड के पांच आधिकारिक संभागों—संथाल परगना, पलामू, उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर और कोल्हान—में किया जाएगा। भाजपा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी दी है कि सरकार ने विकास के मामलों में कई अवसरों को खो दिया है और राज्य की जनता अब परिवर्तन की ओर अग्रसर है।
भ्रष्टाचार और परिवारवाद के मुद्दे
भाजपा ने झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं भ्रष्टाचार के "स्लीपर सेल" के इंचार्ज हैं। पार्टी ने कई घोटालों का उल्लेख किया है, जैसे कि आईएएस पूजा सिंघल के करीबी चार्टर्ड अकाउंटेंट के घर से 17 करोड़ रुपये की बरामदगी और अन्य कई मामलों में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की कमी। भाजपा का यह भी आरोप है कि झामुमो ने परिवारवाद को बढ़ावा दिया है, जिससे राज्य की राजनीति में भाई-भतीजावाद का राज चल रहा है।
आदिवासियों के मुद्दे पर भाजपा की stance
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया है कि हेमंत सोरेन ने आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। पार्टी ने कहा है कि जो लोग आदिवासियों के नाम पर वोट मांगते हैं, वही अब उनकी मूलभूत जरूरतों को नजरअंदाज कर रहे हैं। भाजपा के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बाबूलाल मरांडी और चम्पाई सोरेन ने यह बात कही है कि बांग्लादेशी घुसपैठिये आदिवासी समुदाय के लिए खतरा बनते जा रहे हैं, लेकिन हेमंत सरकार इस पर चुप है।
आर्थिक विकास और रोजगार की कमी
भाजपा ने राज्य में आर्थिक विकास और रोजगार के मुद्दों पर भी गंभीर चिंता जताई है। पार्टी का कहना है कि हेमंत सोरेन ने सत्ता में आने के बाद 5 लाख नौकरियों का वादा किया था, लेकिन राज्य के युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। हाल ही में हुई सिपाही भर्ती में 12 युवकों की मौत से यह बात और स्पष्ट हो गई है कि सरकार ने रोजगार के मुद्दे पर गंभीरता से नहीं लिया। झारखंड में प्रति व्यक्ति आय के मामले में राज्य देश के अन्य राज्यों से काफी पीछे है, जो विकास के लिए चिंता का विषय है।
भाजपा की योजना और भविष्य की दिशा
भाजपा की 'परिवर्तन यात्रा' का उद्देश्य राज्य में बदलाव की लहर लाना है। पार्टी का इरादा स्थानीय मुद्दों और चिंताओं को सुनना और उन पर कार्रवाई करना है। इस यात्रा के माध्यम से भाजपा लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार नीतियां लागू करना चाहती है, जिससे मतदाताओं के साथ मजबूत संबंध बन सकें। यह पहल झारखंड में राजनीतिक और सामाजिक बदलाव का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य राज्य के निवासियों की आवाज़ को सुनना और उनके हितों की रक्षा करना है।
झारखंड भाजपा की 'परिवर्तन यात्रा' केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह राज्य में सार्थक बदलाव लाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह यात्रा हेमंत सोरेन की सरकार की विफलताओं को उजागर करने, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करने का एक प्रयास है। भाजपा का यह प्रयास राज्य के नागरिकों को उनकी समस्याओं के प्रति जागरूक करना और आगामी विधानसभा चुनावों में एक मजबूत स्थिति बनाने की ओर अग्रसर है। क्या भाजपा इस यात्रा के माध्यम से झारखंड में सत्ता परिवर्तन में सफल होगी? यह सवाल अगले कुछ हफ्तों में स्पष्ट होगा।