कांग्रेस ने हरियाणा में क्षेत्रवाद को बढ़ावा दिया: हुड्डा के शासनकाल में अन्य इलाकों के साथ भेदभाव कैसे हुआ?

हरियाणा की राजनीति में क्षेत्रीय भेदभाव और विकास के प्रति सरकार की लापरवाही का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में है। विशेषकर कांग्रेस शासन के दौरान, राज्य की जनता ने महसूस किया कि सरकार का ध्यान केवल कुछ चुनिंदा इलाकों तक सीमित था, जबकि बाकी हिस्से पूरी तरह से उपेक्षित रह गए। इस दौर में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में सरकार ने संसाधनों का वितरण असमान तरीके से किया, जिससे राज्य के कुछ विशेष क्षेत्र लाभान्वित हुए जबकि अधिकांश क्षेत्रों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा का क्षेत्रीय पक्षपात

भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जो कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता रहे हैं, ने प्रदेश के संसाधनों को केवल उन इलाकों में केंद्रित किया जहां उनकी राजनीतिक साख और लाभ सुनिश्चित था। गुड़गांव में एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्जेज (EDC) के नाम पर वसूले गए 5,000 करोड़ रुपए में से 1,000 करोड़ रुपए का कुप्रबंधन इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। हुड्डा सरकार ने यह राशि गुड़गांव के निवासियों से वसूली थी, लेकिन अदालत के सामने स्वीकार किया कि इस राशि का उपयोग विकास कार्यों के लिए नहीं किया गया। यह भेदभावपूर्ण नीति न केवल राज्य के अन्य हिस्सों के साथ अन्याय था, बल्कि इसके परिणामस्वरूप गुड़गांव में भी विकास की दिशा में गंभीर कमी आई।

मॉडल गांवों की चयन प्रक्रिया: भेदभाव की नई परत

कांग्रेस सरकार की आंखों के सामने क्षेत्रीय भेदभाव का एक और उदाहरण तब सामने आया जब 65 गांवों को मॉडल गांव के तौर पर चुना गया। सिरसा, महेंद्रगढ़ और पंचकूला जैसे जिलों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया, जबकि रोहतक और उसके आसपास के क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई। इस चयन प्रक्रिया ने स्पष्ट रूप से यह प्रदर्शित किया कि राजनीतिक लाभ के लिए संसाधनों का वितरण असमान तरीके से किया गया। रोहतक का गृह जिला होने के कारण हुड्डा को अपने इलाके में सबसे अधिक लाभ मिला, जबकि अन्य क्षेत्रों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया।

राजनीतिक विरोधियों के इलाकों की अनदेखी

कांग्रेस शासन के दौरान सिरसा, रेवाड़ी, चरखी दादरी, भिवानी, महेंद्रगढ़, जींद, हिसार, फतेहाबाद, कैथल, और यमुनानगर जैसे जिलों की अनदेखी की गई। इन जिलों में प्रगति के नाम पर कुछ भी सार्थक नजर नहीं आया। इससे साफ होता है कि कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर उन जिलों को नजरअंदाज किया जो उनके राजनीतिक इकोसिस्टम में फिट नहीं आते थे। इस भेदभाव ने जनता के बीच निराशा और असंतोष को जन्म दिया, क्योंकि उन्हें अपनी सरकार से कोई भी उम्मीद बेमानी लगने लगी थी।

जनता की उम्मीदें और भविष्य की दिशा

कांग्रेस शासन के दौरान, राज्य के विकास की घोषणाएं केवल कुछ चुनिंदा क्षेत्रों तक सीमित थीं, जबकि अधिकांश क्षेत्रों को पूरी तरह से उपेक्षित छोड़ दिया गया। इससे न केवल हरियाणा में एक विशेष समाज और क्षेत्र को प्राथमिकता मिली, बल्कि राज्य के अधिकांश इलाकों और जनसंख्या को मायूसी का जीवन जीने के लिए छोड़ दिया गया। इस भेदभावपूर्ण नीति ने यह संकेत दिया कि राज्य की सत्ता का दुरुपयोग केवल राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा था, जबकि आम जनता को इससे कोई राहत नहीं मिली।

आज, जब हरियाणा के लोग पीछे मुड़कर देखते हैं, तो यह साफ होता है कि कांग्रेस शासन ने राज्य के विकास के नाम पर क्षेत्रीय भेदभाव और असमानता को बढ़ावा दिया। इससे न केवल राज्य के विभिन्न हिस्सों में असंतोष और निराशा का माहौल बना, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति जनता का विश्वास भी कम हुआ। हरियाणा की राजनीति में इस भेदभावपूर्ण दौर की समीक्षा करना और इससे सीख लेकर भविष्य में समान विकास की दिशा में कदम उठाना समय की आवश्यकता है।

Rangin Duniya

ranginduniya.com is a Professional Lifestyle, Health, News Etc Platform. Here we will provide you only interesting content, which you will like very much. We're dedicated to providing you the best of Lifestyle, Health, News Etc, with a focus on dependability and Lifestyle. We're working to turn our passion for Lifestyle, Health, News Etc into a booming online website. We hope you enjoy our Lifestyle, Health, News Etc as much as we enjoy offering them to you.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

INNER POST ADS

Follow Us