बर्गी नगर, जबलपुर – स्थानीय हायर सेकेंडरी स्कूल में प्राचार्य किशन राय खेड़े पर गंभीर आरोप लगने से शिक्षा जगत में हलचल मच गई है। स्कूल की छात्राओं और एक अतिथि शिक्षिका ने प्राचार्य पर मानसिक उत्पीड़न और अनैतिक आचरण के आरोप लगाए हैं, जिनसे स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग पर भी सवाल उठ खड़े हुए हैं।
छात्राओं के आरोप: अकेले में मिलने की मांग और धमकियाँ
स्कूल की 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्राओं ने प्राचार्य पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें प्राइवेट परीक्षाओं में बैठने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता थी। जब वे अनुमति लेने के लिए प्राचार्य के पास गईं, तो उन्होंने उन्हें अकेले में मिलने के लिए बुलाया। छात्राओं का कहना है कि उस समय उन्होंने डर के कारण कुछ नहीं कहा, क्योंकि उन्हें डर था कि यदि उन्होंने विरोध किया तो उनकी परीक्षा की अनुमति रद्द कर दी जाएगी और उन्हें स्कूल में बैठने नहीं दिया जाएगा।
छात्राओं के अनुसार, प्राचार्य ने उनसे कहा कि जब वे अकेले आएंगी, तभी उन्हें स्कूल में बैठने की अनुमति दी जाएगी। इससे उनकी नीयत पर संदेह हुआ और उन्हें लगा कि प्राचार्य का इरादा गलत है। छात्राओं ने बताया कि ऐसा व्यवहार न केवल उनके साथ हुआ है, बल्कि स्कूल की और भी कई लड़कियाँ इस प्रकार की परेशानियों का सामना कर रही हैं। कुछ छात्राओं का यह भी दावा है कि उनसे पैसे लिए गए, और उन्हें सख्त हिदायत दी गई कि इस बात का ज़िक्र किसी टीचर या अन्य लोगों से न किया जाए।
14 छात्राएँ और शिक्षिका के आरोप प्रिंसिपल कृष्णा राय खेड़े अकेले में बुलाते हैं! प्रिंसिपल कहते हैं अकेले आओगी तभी बैठने की परमिशन मिलेगी!
मेरे साथ 14 और लड़कियां हैं जिनको वो अकेले मिलने को कहते हैं!
जबलपुर बरगी नगर के सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं ने स्कूल के प्राचार्य किशन रायखेड़े पर लगाए अकेले… pic.twitter.com/gQoZKB0ejo
कुल मिलाकर, लगभग 14 छात्राओं ने प्राचार्य पर उत्पीड़न और धमकियों के आरोप लगाए हैं। वहीं, स्कूल में कार्यरत एक अतिथि शिक्षिका ने भी प्राचार्य पर अनैतिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है। शिक्षिका ने बताया कि वह तलाकशुदा हैं और एक बच्ची की परवरिश की जिम्मेदारी अकेले संभाल रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्राचार्य ने इस परिस्थिति का फायदा उठाने की कोशिश की और उन्हें अनैतिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। प्राचार्य द्वारा उन्हें धमकी दी गई कि अगर वह उनकी बात नहीं मानेंगी, तो उन्हें स्कूल में काम नहीं करने दिया जाएगा और उनके लिए दिक्कतें पैदा की जाएँगी।
शिक्षिका की शिकायतें और दबाव
अतिथि शिक्षिका का कहना है कि उन्होंने इस मामले की शिकायत एसपी ऑफिस, कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, और मानव अधिकार आयोग में दर्ज कराई है। लेकिन अब तक किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है। शिक्षिका ने आरोप लगाया कि दिसंबर माह से ही उन्हें प्राचार्य द्वारा ऑफिस में बुलाकर जबलपुर आने और उनकी अनैतिक इच्छाओं को पूरा करने का दबाव डाला गया।
शिक्षिका का यह भी दावा है कि प्राचार्य के कहने पर सहायक शिक्षक राजकुमार नेमा द्वारा उनके भाई के फोन पर धमकी दी गई कि अगर उन्होंने प्राचार्य के खिलाफ की गई शिकायत वापस नहीं ली, तो बर्गी नगर से आने-जाने के दौरान उनके साथ कोई अनहोनी हो सकती है।
छात्र-छात्राओं का समर्थन
इस घटना के बाद स्कूल की छात्र-छात्राओं ने भी शिक्षिका का समर्थन करते हुए प्राचार्य के खिलाफ आवाज उठाई है। छात्रों का कहना है कि प्राचार्य का व्यवहार बहुत गलत है और उन्होंने कई बार बच्चों को भी डराया-धमकाया है। एक छात्रा ने बताया कि उनसे खाली कागजों पर साइन करवाए गए, बिना यह बताए कि उन कागजों में क्या लिखा गया है। छात्रों का कहना है कि वे अब इस मामले में न्याय चाहते हैं और प्राचार्य को स्कूल से हटाने की मांग कर रहे हैं।
स्कूल में बढ़ती अशांति और भविष्य की कार्यवाही
स्कूल के भीतर इस घटना के बाद से काफी अशांति का माहौल है। छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के बीच बढ़ता तनाव शिक्षा के माहौल को भी प्रभावित कर रहा है। छात्रों और शिक्षिका की शिकायतों के बाद स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग को मामले की गंभीरता से जाँच करनी होगी।
प्रशासन की भूमिका और संभावित परिणाम
इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो गए हैं कि इतनी गंभीर शिकायतों के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्यवाही क्यों नहीं हुई है। अगर समय रहते इन आरोपों की निष्पक्ष जाँच नहीं की गई, तो यह मामला और भी गंभीर रूप ले सकता है, जिससे स्कूल और शिक्षा विभाग की साख पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
बच्चों की सुरक्षा और शिक्षकों की गरिमा के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, अब यह प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जाँच करें, ताकि दोषी को सजा मिल सके और शिक्षा का माहौल सुरक्षित और स्वस्थ बना रहे।
इस मामले की जाँच के परिणामस्वरूप, प्राचार्य किशन राय खेड़े के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा सकती है, यदि उन्हें दोषी पाया जाता है। वहीं, स्कूल में शिक्षा के माहौल को सामान्य करने के लिए प्रशासन को आवश्यक कदम उठाने होंगे, ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके और शिक्षक बिना किसी डर के अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें।
बर्गी नगर हायर सेकेंडरी स्कूल की यह घटना दर्शाती है कि शिक्षा के मंदिरों में भी गलत आचरण और उत्पीड़न की घटनाएं हो सकती हैं, जिन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। छात्राओं और शिक्षिका द्वारा लगाए गए आरोप चिंताजनक हैं और इनके पीछे की सच्चाई की जाँच किए बिना किसी निष्कर्ष पर पहुँचना कठिन है। अब यह देखना होगा कि शिक्षा विभाग और प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और कैसे न्याय सुनिश्चित करते हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।