नई दिल्ली: हाल ही में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें इंस्टाग्राम पर एक संदिग्ध समूह बच्चों को निशाना बना रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह समूह पाकिस्तान और कुछ अन्य कट्टर इस्लामिक संगठनों से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। इस समूह का मकसद बच्चों को लव जिहाद के जाल में फंसाना है, जिससे कि उन्हें धीरे-धीरे एक खास विचारधारा की ओर खींचा जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह समूह बच्चों को पहले दोस्ती और फिर डेटिंग के जरिए अपने झूठे जाल में फंसाने की कोशिश करता है। ये लोग सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल्स बनाकर बच्चों से बातचीत करते हैं और धीरे-धीरे उन्हें प्रभावित करने लगते हैं। इस तरह के मामलों में बच्चों को धार्मिक रूपांतरण के लिए प्रलोभित किया जाता है या उनके मन में कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा दिया जाता है।
कैसे काम करता है यह समूह?
यह समूह बच्चों को पहले ऑनलाइन डेटिंग में शामिल करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे कि वे उनके विचारों और आदतों को समझ सकें। फिर, धीरे-धीरे उन्हें लव जिहाद के माध्यम से एक खास धार्मिक विचारधारा की ओर मोड़ा जाता है। इस प्रक्रिया में बच्चों को अपनी धार्मिक पहचान से अलग कर एक खास इस्लामिक विचारधारा से जोड़ने की कोशिश की जाती है।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह गतिविधि बेहद खतरनाक है और इसके दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं। बच्चों का मनोवैज्ञानिक और सामाजिक विकास इससे प्रभावित हो सकता है, और उनका जीवन भी इस तरह के खतरों में फंस सकता है।
Instagram par bachoo ka group jo ki pakistan aur alag islamic se connectef hai isme bachoo ko love zihad me dhire dhire fasa rahe unknown logo ka yeh group hai jisme isme bachee dating karte hai stop #stoplovexihad pic.twitter.com/KAZTxv7VLJ
— ANANT CHAUDHARY (@AnantCH3) September 13, 2024
अभिभावकों के लिए चेतावनी
यह मामला सामने आने के बाद, साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें। अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे बच्चों से खुलकर सोशल मीडिया और इंटरनेट पर उनकी बातचीत के बारे में चर्चा करें। साथ ही, उन्हें यह सिखाने की जरूरत है कि ऑनलाइन अजनबियों से सावधान रहें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां भी इस तरह के मामलों की जांच कर रही हैं और इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से बात कर रही हैं, ताकि इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
यह घटना एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करती है कि बच्चों की साइबर सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है और अभिभावकों के साथ-साथ समाज को भी इस दिशा में सतर्क रहने की आवश्यकता है।