नई दिल्ली: भाजपा नेतृत्व ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद बृजभूषण शरण सिंह को निर्देश दिया है कि वह पहलवान विनेश फोगट और बजरंग पूनिया के खिलाफ कोई सार्वजनिक बयान न दें। सूत्रों के अनुसार, पार्टी आलाकमान ने बृजभूषण सिंह को स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्हें इस मुद्दे पर अपनी टिप्पणी से बचना चाहिए, क्योंकि भाजपा की रणनीति में इन खिलाड़ियों की लोकप्रियता और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ध्यान में रखा जा रहा है।
बृजभूषण सिंह, जो भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष भी हैं, को पहले से ही विनेश फोगट और अन्य महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना करना पड़ा है। यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है, और भाजपा इस संवेदनशील मुद्दे से पार्टी की छवि को नुकसान से बचाने के लिए सतर्कता बरत रही है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेतृत्व ने इस मामले में एक सावधानीपूर्वक रणनीति बनाई है, जिसमें पार्टी किसी भी अनावश्यक विवाद से बचना चाहती है। विनेश फोगट और बजरंग पूनिया जैसे खिलाड़ियों का देश में काफी सम्मान है और वे जनता के बीच मजबूत प्रभाव रखते हैं। इसलिए, भाजपा इन मुद्दों को और अधिक तूल न देने की दिशा में प्रयासरत है।
यह कदम भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जहां पार्टी किसी भी तरह की नकारात्मक छवि से बचने के लिए अपने नेताओं को विवादित बयानबाजी से रोक रही है। आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए, भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी के अंदरूनी मसलों को नियंत्रित तरीके से निपटाया जाए।
भाजपा द्वारा इस मुद्दे पर जो चुप्पी साधी गई है, वह पार्टी की रणनीति का हिस्सा है। पार्टी किसी भी तरह के सार्वजनिक बयानों या विवादों से बचने का प्रयास कर रही है, ताकि विनेश फोगट और बजरंग पूनिया जैसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों के साथ टकराव की स्थिति न बने। वहीं, बृजभूषण सिंह के भविष्य को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन पार्टी ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस मामले को कैसे संभालती है, और क्या बृजभूषण सिंह पार्टी की इस सलाह पर अमल करते हैं।