बहराइच, 10 सितंबर 2024: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की एक बड़ी सफलता के रूप में एक और आदमखोर भेड़िया पकड़ा गया है। यह भेड़िया अब तक 10 लोगों की जान ले चुका है और 50 से अधिक लोगों पर जानलेवा हमले कर चुका है, जिससे इलाके में दहशत का माहौल था।
इससे पहले, वन विभाग की टीम ने दो नर और दो मादा आदमखोर भेड़ियों को पकड़ा था, जो इलाके में आतंक मचा रहे थे। लेकिन इस हालिया पकड़ से साफ होता है कि इलाके में आदमखोर भेड़ियों का खतरा अभी भी टला नहीं है। ग्रामीणों की शिकायतें लगातार आ रही थीं कि कई भेड़ियों के झुंड गांवों के पास सक्रिय हैं और वे रात के समय अचानक हमला कर देते हैं।
लगातार बढ़ रहे हमले
पिछले कुछ महीनों में बहराइच के ग्रामीण इलाकों में आदमखोर भेड़ियों के हमलों की घटनाओं में तेजी आई है। ये भेड़िए विशेष रूप से बच्चों और अकेले रहने वाले लोगों को निशाना बना रहे थे। स्थानीय निवासियों के अनुसार, भेड़ियों के हमलों ने उन्हें रात में घरों से बाहर निकलने में असमर्थ बना दिया था।
बहराइच में पकड़ा गया एक और आदमखोर भेड़िया, अब तक 10 लोगों को बना चुका है शिकार
— Anuj Tyagi (@AnujTyagi8171) September 10, 2024
बहराइच में एक और आदमखोर भेड़िया पकड़ा गया है। भेड़ियों ने अब तक 10 लोगों को अपना शिकार बनाया है और 50 लोगो पर जानलेवा हमला किया है,इससे पहले दो मादा और दो नर भेड़िए पकड़े जा चुके हैं। pic.twitter.com/bZ0ymmGH6k
वन विभाग ने ग्रामीणों को सावधानी बरतने और सतर्क रहने की सलाह दी है। विभाग द्वारा भेड़ियों को पकड़ने के लिए पिंजरों और अन्य विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्रामीणों ने भेड़ियों के आतंक के खिलाफ सुरक्षा के उपायों को बढ़ाने की मांग की है।
भविष्य की रणनीति
वन विभाग और प्रशासन इस आदमखोर भेड़िये को पकड़ने के बाद अब भी सतर्क है, क्योंकि यह आशंका जताई जा रही है कि और भी भेड़िये इलाके में हो सकते हैं। वन अधिकारी इलाके में गश्त बढ़ाने और सुरक्षा के इंतजामों को मजबूत करने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों के घटते दायरे और भोजन की कमी के कारण इन भेड़ियों का व्यवहार आक्रामक हो रहा है और वे इंसानों पर हमले कर रहे हैं। प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और बताया है कि इलाके में भेड़ियों की संख्या और उनके ठिकानों की जांच की जा रही है।
इस घटना ने एक बार फिर से मानव और वन्यजीव संघर्ष की समस्या को उजागर किया है, जहां दोनों के बीच सामंजस्य बनाने की चुनौती सामने खड़ी है।