उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां शहर कोतवाली के मालखाने (गोदाम) से सामान गायब होने के संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में एक पूर्व मालखाना इंचार्ज की मौत हो चुकी है।
मुजफ्फरनगर की शहर कोतवाली के मालखाने से पिछले 40 सालों से कारतूस रहस्यमय तरीके से गायब होते रहे हैं, लेकिन पुलिस की निगरानी के बावजूद किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब हाल ही में सरकारी संपत्ति और मालखाने का चार्ज नए अधिकारियों को सौंपा गया, तो यह गड़बड़ी सामने आई। एसएसपी अभिषेक सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
जांच में सामने आया कि 1981 से 2020 के बीच शहर कोतवाली के मालखाने से 787 से अधिक कारतूस गायब हो गए। कोतवाली में भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद कोई भी यह नहीं जान पाया कि ये कारतूस कहां चले गए। 4 अगस्त 2024 को जब मालखाने का चार्ज स्थानांतरित किया गया, तब इस गड़बड़ी का पता चला। एसएसपी के निर्देश पर एक कमेटी गठित की गई, जिसने इस मामले की जांच की और यह सच सामने आया।
मुजफ्फरनगर के नगर कोतवाली थाने से सरकारी माल खाने से माल गायब, 43 सालों से थाने में गबन का हैरतअंगेज मामला
— Anuj Tyagi (@AnujTyagi8171) September 6, 2024
787 गोलियां,10 बॉडी प्रोटेक्टर, 99 चार्जर क्लिप गायब, तत्कालीन 5 मालखाना इचांर्ज पर गबन का केस दर्ज, इंचार्ज सुरेश, सतपाल, बलजोर, वीर, डिग्री प्रसाद पर केस।।#muzaffarnagar pic.twitter.com/8CJfK9guf8
मुजफ्फरनगर के एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापति ने जानकारी देते हुए बताया कि मालखाने में रखी सरकारी संपत्ति और कारतूसों का मिलान करने पर गड़बड़ी पाई गई। ट्रैफिक एसपी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई, जिसने इस बात की पुष्टि की कि कारतूस और अन्य सरकारी संपत्ति गायब है।
इस मामले में कोतवाली में सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एक पूर्व मालखाना इंचार्ज, जो हेड मोहरीर थे, की मृत्यु हो चुकी है, जबकि पांच अन्य इंचार्जों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस पूरे मामले की जांच शहर कोतवाली के पुलिस निरीक्षक द्वारा की जा रही है। किसी भी थाने या कोतवाली के मालखाने की जिम्मेदारी हेड मोहरिर की होती है। जांच में छह इंचार्जों की लापरवाही पाई गई, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है, जबकि बाकी पांच हेड मोहरीरों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।